Lok Sabha Elections 2024: झांसी शहर के बीचो-बीच बना करीब 400 साल पुराना रानी लक्ष्मीबाई का किला पिछले कई सदियों से झांसी और आसपास के बुंदेलखंड इलाके में सामाजिक और राजनीतिक बदलाव का गवाह रहा है. इस बार फिर यहां लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और यहां राजनीतिक सरगर्मियां फिर तेज हो रही हैं. झांसी शहर में भगवान परशुराम के जन्मोत्सव समारोह की शोभायात्रा में भाग लेने गुरुवार को बीजेपी उम्मीदवार अनुराग शर्मा पहुंचे. जो दूसरी बार झांसी सीट पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं. झांसी में करीब 1 लाख ब्राह्मण मतदाता है. जिसके एक बड़े वर्ग का समर्थन अनुराग शर्मा को 2019 के लोकसभा चुनाव में मिला था.
लोकसभा इलेक्शन के ऐलान से ठीक पहले यूपी सरकार ने झांसी जिले में एक बड़ा इंडस्ट्रियल टाउनशिप सेटअप करने का फैसला किया है. जो इस चुनाव में बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा के तर्ज पर झांसी जिले में एक नया इंडस्ट्रियल टाउनशिप BIDA सेटअप करने का फैसला किया है. इसके तहत 33 गांव की करीब 14225 हेक्टेयर जमीन ली जा रही है.
बीजेपी उम्मीदवार अनुराग शर्मा ने एनडीटीवी से कहा, "प्रधानमंत्री ने बुंदेलखंड को एक बड़ी सौगात दी है. दो बड़ी नदियों केन और बेतवा को जोड़ने का जब यह प्रोजेक्ट पूरा होगा तो यहां के किसानों को बहुत फायदा होगा. हर घर जल योजना के तहत पानी पहुंचाया जा रहा है. हम प्लांट लगा रहे हैं".
"विपक्ष नई रणनीति के साथ चुनाव मैदान में"
2014 और 2019 में बीजेपी ने बुंदेलखंड क्षेत्र की चारों सीटों -- झांसी, जालौन, बांदा और हमीरपुर में चुनाव जीता था. इस बार झांसी लोकसभा सीट पर विपक्ष नई रणनीति के साथ चुनाव मैदान में है. इंडिया ब्लॉक की तरफ से पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री और कांग्रेस नेता प्रदीप जैन आदित्य साझा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में दोबारा लौटे हैं.
झांसी शहर से करीब 50 किलोमीटर दूर प्रदीप जैन ललितपुर में एक जैन बाहुल्य तहसील में चुनाव अभियान में जुटे हैं. प्रदीप जैन आदित्य ने एनडीटीवी से कहा, "बुंदेलखंड के लोग बदलाव चाहते हैं. विकास का काम रुक गया है... लोग डरे हुए हैं... यहां घर-घर में बेरोजगार है. पलायन दोगुनी हो गया है..BIDA एक जुमला है किसानों को उनके जमीन की सही कीमत नहीं दी जा रही है. रजिस्ट्री जबरदस्ती किसानों से कराई जा रही है. जनता विरोध कर रही है BIDA का...".
ललितपुर जिले में आम लोगों की शिकायत है कि इस पिछड़े इलाके में उद्योग नहीं लग रहे. मजदूरी कमाई का एकमात्र जरिया बचा है. वह चाहते हैं की जून में बनने वाली नई सरकार इस पिछड़े जिले में नए उद्योग स्थापित करे. जिससे यहां विकास की संभावनाएं बढ़. नए उद्योग स्थापित हो. जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा हो.
बसपा ने युवा नेता को उतारा मैदान में
इस बार बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक युवा नेता रवि प्रकाश कुशवाहा को यहां से उम्मीदवार बनाया है. जिससे झांसी में मुकाबला त्रिकोणी हो गया है. रवि प्रकाश कुशवाहा ने एनडीटीवी से कहा, "शिक्षा, स्वास्थ्य, महंगाई और बेरोजगारी यह सब अहम मुद्दे हैं. बुंदेलखंड में रोजगार सबसे अहम समस्या है. जिसके साथ ही जल का संकट भी बहुत बड़ा है. मायावती सरकार के दौरान हैंड पंप लगे थे लेकिन अब वह बेकार पड़े हैं".
इस सीट पर 20 मई को मतदान होना है. जबकि लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आने वाले हैं.
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