जेवर एयरपोर्ट पर सब 'ऑल इज वेल', एयरक्राफ्ट से की गई टेक्निकल व्यवस्था की जांच

एयरपोर्ट के अधिकारियों के मुताबिक, हवाई संचालन (Jewar Airport) के लिए सबसे बड़ी बाधा रडार को लेकर थी, जो पिछले 27 मार्च को भारत आ गया और गुरुवार को को इसे स्थापित कर दिया गया. 5 सितंबर तक रडार की कमिशनिंग हो जाएगी.

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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निरीक्षण.
नई दिल्ली:

योगी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) के निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है. दिसंबर तक एयरपोर्ट चालू हो जाएगा. एयरपोर्ट के चालू होने से पहले कैलिब्रेशन फ्लाइट नेविगेशन और रनवे लाइट और एयरस्पेस का निरीक्षण किया गया, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के सभी उपकरण बिना किसी दिक्कत के काम कर रहे हैं. जांच के दौरान 30 मिनट तक बीचक्राफ्ट किंग एयर बी 300 एयरपोर्ट के ऊपर उड़ाया गया, जिसमें सभी उपकरणों की जानकारी सही पाई गई. यह जानकारी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजेंसी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर की है. 

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निरीक्षण

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजेंसी की तरफ से सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो को पायलट की केबिन से बनाया गया. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तरफ से लिखा गया है कि,"साफ और धूप के दिन डीबीओआर कैलिब्रेशन फ्लाइट के लिए बेहतर मंच प्रदान किया, जो ऐसी तमाम उड़ानों में से पहली उड़ान है. बीच क्राफ्ट किंग नियर बी 300 ने आसमान में उड़ान भरी, जिससे सुनिश्चित हो सके की एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सभी उपकरण बाधारहित तरीके से कम कर रहे हैं. "

जल्द होगी रडार की कमिशनिंग

एयरपोर्ट के अधिकारियों के मुताबिक, हवाई संचालन के लिए सबसे बड़ी बाधा रडार को लेकर थी, जो पिछले 27 मार्च को भारत आ गया और गुरुवार को को इसे स्थापित कर दिया गया. 5 सितंबर तक रडार की कमिशनिंग हो जाएगी. ऑटोमेटिक डिपेंडेंट सर्विलांस ब्रॉडकास्ट (एडीएस-बी), एडवांस सरफेस मूवमेंट गाइडेंट्स एंड कंट्रोल सिस्टम (एएसएमजीसीएस), आटोमेशन सिस्टम और सरफेस मूवमेंट रडार (एसएमआर) का काम चल रहा है.

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जेवर एयरपोर्ट पर हर दिन डेढ़ सौ विमान भर सकेंगे उड़ा

जेवर एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है, जिसके चालू होने के बाद यहां से प्रतिदिन डेढ़ सौ विमान उड़ान भर सकेंगे. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण का निर्माण कार्य 1334 हेक्टेयर में हो रहा है. 3900 मीटर लंबा रनवे बनकर तैयार हो चुका है, इसके बाद ही एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर पर शीशे और डॉक्टर लगाने का काम पूरा किया जा रहा है.

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