जेईई (मेन्स) परीक्षा घोटाला : सीबीआई की कई शहरों में छापेमारी, मामले में 7 आरोपी गिरफ्तार

सीबीआई (CBI) ने शुक्रवार को एक निजी शिक्षण संस्थान और उसके निदेशकों और सहयोगियों व अन्य अज्ञात व्यक्तियों द्वारा जेईई (मेन्स) परीक्षा 2021 में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया.

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परीक्षा में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में सीबीआई ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
नई दिल्ली:

सीबीआई (CBI) ने शुक्रवार को एक निजी शिक्षण संस्थान और उसके निदेशकों, सहयोगियों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों द्वारा जेईई (मेन्स) परीक्षा 2021 में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया. सीबीआई (CBI) ने जेईई (मेन्स) परीक्षा 2021 घोटाले में चल रही जांच में आज शुक्रवार को इंदौर में छापेमारी कर रही है. सीबीआई (CBI) ने शुक्रवार को एक निजी शिक्षण संस्थान और उसके निदेशकों और सहयोगियों व अन्य अज्ञात व्यक्तियों द्वारा जेईई (मेन्स) परीक्षा 2021 में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया.

बता दें कि, सीबीआई (CBI) ने गुरुवार को निजी संस्थान एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशकों द्वारा कथित हेरफेर को लेकर करीब 19 स्थानों पर छापेमारी की. एजेंसी ने इस संबंध में बीते बुधवार को मामला दर्ज किया था और गुरुवार को परीक्षा समाप्त होने के बाद छापेमारी की. प्रतिष्ठित जेईई (मेन्स) परीक्षा आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) और एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) में दाखिले के लिए बहुत अहम होती है. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई (CBI) के दलों ने गुरुवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, पुणे, जमशेदपुर, इंदौर और बेंगलुरु में 19 स्थानों पर छापे मारे. सीबीआई (CBI) प्रवक्ता आर सी जोशी ने कहा, ‘‘छापेमारी के दौरान 25 लैपटॉप, सात कम्यूटर,  30 पोस्टडेटेड चेक के साथ-साथ कई छात्रों की पीडीसी (अनंतिम डिग्री प्रमाणपत्र) की अंक तालिका समेत बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज और उपकरण बरामद किये हैं.”

एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड और उसके तीन निदेशकों सिद्धार्थ कृष्णा, विश्वंभर मणि त्रिपाठी और गोविंद वार्ष्णेय के अलावा अन्य दलालों और सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद एजेंसी ने यह कार्रवाई की. यह आरोप लगाया गया है कि निदेशकों ने अन्य सहयोगियों और दलालों के साथ मिलकर साजिश रची. आरोप के अनुसार, वे 'जेईई (मेन्स) की ऑनलाइन परीक्षा में हेरफेर कर रहे थे और उन्हें मिली बड़ी रकम के अनुसार सोनीपत (हरियाणा) में एक चुने हुए परीक्षा केंद्र से दूरस्थ पहुंच के माध्यम से आवेदकों के प्रश्न पत्रों को हल करके इच्छुक छात्रों को शीर्ष एनआईटी संस्थानों में दाखिला लेने में मदद कर रहे थे.' यह भी आरोप लगाया गया था कि आरोपी इच्छुक छात्रों से सुरक्षा के रूप में 10वीं और 12वीं कक्षा की अंक तालिका, यूजर आईडी, पासवर्ड और पोस्टडेटेड चेक लेते थे और एक बार प्रवेश हो जाने के बाद देशभर में हर उम्मीदवार से 12 से 15 लाख रुपए तक की भारी रकम वसूल करते थे.

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