पार्टी में जारी कथित खींचतान के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जनता दल यूनाईटेड विवादों में घिर गया है. पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह द्वारा हाल ही में उत्तर प्रदेश, जेडीयू से संबंधित लिए गए फैसले पर सवाल उठना शुरू हो गया है. दरअसल, पार्टी ने यूपी इकाई में चार नए सदस्यों को जिम्मेदारी दी है. इनमें से एक यूपी का इनामी माफिया धनंजय सिंह है. यूपी के "डॉन" को नीतीश कुमार की पार्टी ने महासचिव बना दिया है, जिस पर हत्या और लूट के दर्जनों मामले दर्ज हैं.
बता दें कि धनंजय सिंह पहले भी जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर जौनपुर के मल्हनी से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. अभी हाल में माफिया अजीत सिंह के मर्डर में उनका नाम सामने आया है, इससे पहले जेल में बंद माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या में भी उनका नाम आ चुका है. उनके ऊपर पुलिस ने 25 हजार का इनाम भी रखा था. इस चुनाव के दौरान अजीत सिंह की हत्या मामले में जब फरार चल रहे धनंजय सिंह पर पुलिस ने 25 हजार का इनाम था, तब वो क्रिकेट मैच का उद्घाटन करते देखे गए थे. ये घटना काफी चर्चा में रही थी.
गौरतलब है कि पार्टी की ओर से जारी पत्र में कहा गया है, " जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह सांसद ( नेता लोकसभा) ने दसई चौधरी (पूर्व केंद्रीय मंत्री), धनंजय सिंह (पूर्व सांसद, उ.प्र.), सुनीत कुमार उर्फ इंजीनियर सुनीत पूर्व विधायक को जनता दल (यूनाइटेड) का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया है. साथ ही उन्होंने सत्येंद्र पटेल को जनता दल (यूनाइटेड) का उत्तर प्रदेश इकाई का वरिष्ठ उपाध्यक्ष (संगठन) नियुक्त किया है. पार्टी के विस्तार में आगे हम उनके प्रयासों की सफलता की कामना करते हैं."
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