कानूनी लड़ाई के बाद जयललिता की भांजी को मिली पॉश गार्डन वाले बंगले की चाभी, कही ये बात

अन्नाद्रमुक (AIADMK) सरकार ने जयललिता के परिवार से परामर्श किए बिना घर पर कब्जा ले लिया था और इमारत को स्मारक में बदल दिया था.

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'मेरी आंटी द्वारा इस्तेमाल किए गए फर्नीचर को हटा दिया गया'
चेन्नई:

तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता (J Jayalalithaa) की भांजी दीपा जयकुमार को कानूनी लड़ाई के बाद अपनी आंटी और दिवंगत नेता के पॉश गार्डन स्थित घर का शुक्रवार को कब्जा मिल गया. चेन्नई जिला प्रशासन ने उन्हें घर की चाबियां सौंपी. दीपा (Deepa Jayakumar) ने कहा, "यह पहली बार है जब मैं अपनी आंटी की अनुपस्थिति में इस घर में कदम रख रही हूं. यह घर अब खाली और बेजान नजर आता है. जयललिता के घर में रहने की इच्छा जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी आंटी द्वारा इस्तेमाल किए गए फर्नीचर को हटा दिया गया है. 

मद्रास उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 24 नवंबर के अपने फैसले में जयललिता के आवास ‘वेद निलयम' को अधिग्रहण करने के आदेश को रद्द कर दिया था और इसे कानूनी वारिसों को सौंपने का आदेश दिया था. अदालत के इस आदेश के बाद दीपा को मकान की चाबियां दी गईं. 

पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक (AIADMK) सरकार ने जयललिता के परिवार से परामर्श किए बिना घर पर कब्जा ले लिया था और इमारत को स्मारक में बदल दिया था.

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दीपा और उनके भाई दीपक ने पूर्ववर्ती एआईएडीएमके सरकार द्वारा बंगले के अधिग्रहण को चुनौती देते हुए याचिकाएं दायर की थी. याचिका पर कोर्ट का यह फैसला आया. मद्रास हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यह प्रॉपर्टी उनके (दीपा और उसके भाई) पास जानी चाहिए. 

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अदालत ने अपने आदेश में कहा कि सरकार द्वारा अधिग्रहण अवैध था. कोर्ट ने कहा, "इस अधिग्रहण में कोई सार्वजनिक हित नहीं है ... कुछ किलोमीटर दूर मरीना बीच पर पहले से ही जयललिता का स्मारक है. ऐसी कौन सी प्रेरक कहानी है जो वेद निलयम दे सकती है, लेकिन मरीना बीच स्मारक नहीं?

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AIADMK ने कहा कि पार्टी इस आदेश को चुनौती देगी.

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