राज्यसभा में आज फिर कुछ ऐसा हुआ, जिसने ध्यान खींचा. सदन में पीठासीन सभापति जगदीप धनखड़ ने जैसे ही जया बच्चन का नाम लिया, वैसे ही माहौल गरमा गया. समाजवादी पार्टी सांसद जया बच्चन ने पूछा, ""आपको अमिताभ का मतलब पता है...?" इसके बाद जगदीप धनखड़ ने बात को संभालते हुए कहा कि मेरा मकसद कुछ गलत नहीं था. अमिताभ बच्चन का पूरा देश सम्मान करता है. हालांकि, मामला जब शांत हुआ, तो जगदीप धनखड़ और जया बच्चन के चेहरे पर मुस्कान थी.
"मुझे अपने पति के नाम और उनकी उपलब्धियों पर भी गर्व"
सोमवार को सभापति जगदीप धनखड़ ने जया बच्चन को 'जया अमिताभ बच्चन' कहकर पुकारा. इस पर जया बच्चन गुस्सा हो गईं. जया बच्चन ने कहा, "सर, आपको अमिताभ का मतलब पता है? मुझे अपने पति पर गर्व है और उनके प्रोफेशन से, जिससे वह आते हैं. मुझे अपने नाम पर बहुत गर्व है, मुझे अपने पति के नाम और उनकी उपलब्धियों पर भी गर्व है. अमिताभ का मतलब होता है- आभा, जो मिट नहीं सकती है. ये ड्रामा आप लोगों ने अभी शुरू किया है, पहले यह नहीं था."
जगदीप धनखड़ ने कहा- बदल सकते हैं नाम
इस बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि चुनाव आयोग में नॉमिनेशन फाइल करते समय जो नाम दिया जाता है, वहीं सदन में पुकारा जाता है. अगर किसी को अपना नाम बदलवाना है, तो उसकी भी एक प्रक्रिया है. मैंने खुद उस प्रक्रिया के तहत अपना नाम 1989 में बदलवाया था. यह प्रक्रिया सदन के हर सदस्य के लिए उपलब्ध है. सभापति जगदीप धनखड़ ने इसके बाद अपनी फ्रांस यात्रा का एक वाक्या सदन के साथ साझा किया. उन्होंने कहा, "माननीय सदस्य गण, एक बार मैं फ्रांस गया था. यहां मुझे होटल में बताया गया कि हर ग्लोबल आइकन के फोटो हैं. मैं जब ये गैलरी देखने गया, तो पाया कि यहां अमिताभ बच्चन की तस्वीर भी लगी हुई थी. यह बात साल 2004 की है. मैं ही नहीं, अमिताभ बच्चन पर पूरे देश को गर्व है."
जगदीप धनखड़ और जया बच्चन के बीच तीखी नोकझोंक
हालांकि, ये नोकझोंक यहीं नहीं थमी, सभापति जगदीप धनखड़ ने जब मनोहर लाल खट्टर का नाम पुकारा और उनकी पत्नी का नाम नहीं लिया, तो जया बच्चन ने इस पर आपत्ति जता दी. जया बच्चन अपनी सीट से उठीं और मनोहर लाल खट्टर की ओर इशारा कर कहा कि इनके नाम के आगे इनकी पत्नी का भी नाम लगा दीजिए. मुझे इस पर आपत्ति है, यह ठीक नहीं है.
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