नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वर्चुअल मोड गुरुवार को जम्मू में 100 ई-बसों को हरी झंडी दिखाई. यह बसें 11 रूटों पर दौड़ेंगी. श्रीनगर में 2 नवंबर को बस सेवा शुरू हो गई थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि 561 करोड़ रूपए की लागत से 12 साल तक इन बसों का ऑपरेशन और रखरखाव करने के साथ इस प्रोजेक्ट की शुरूआत हुई है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू के लोगों के लिए भरोसेमंद, आरामदायक, किफायती और लंबे समय तक चलने वाली पब्लिक ट्रांस्पोर्ट सुविधा की शुरूआत आज से हुई है. जम्मू से कटरा, कठुआ, उधमपुर और जम्मू के आंतरिक रुट्स पर भी ये बसें चलेंगी. ये बसें आने वाले दिनों में लोगों की ना सिर्फ आवागमन की तकलीफें दूर करेंगी, बल्कि पर्यावरण की दृष्टि से भी उपयोगी सिद्ध होंगी. इनमें से 25 बसें 12 मीटर और 75 बसें 9 मीटर लंबी हैं.
जानकारी के मुताबिक ई-बस का फायदा यह है कि बस हर बीस मिनट बाद आएगी और रात 11 बजे तक इसकी सुविधा मिलेगी. बस में किसी की तबीयत बिगड़ने पर स्वास्थ्य सुविधा भी मिलेगी. इतना ही नहीं चोरी होने या फिर छेड़छाड़ होने पर चालक के माध्यम से कॉल नजदीकी पुलिस स्टेशन में की जाएगी. बसें सीसीटीवी कैमरों से लैस होगी.
बसों में भुगतान डिजिटल पेमेंट टॉप एंड ट्रांसिट कार्ड के माध्यम से होगा. लोग कार्ड के माध्यम से पेमेंट कर एक रूट से दूसरे रूट पर जा सकेंग. इसके अलावा अपनी ईबस को चलो ऐप से ट्रैक भी कर पाएंगे. चलो ऐप के माध्यम से ही टिकट भी खरीद पाएंगे. इसके अलावा महीने का पास भी बनाया जा सकता है, ताकि बार बार टिकट खरीदने की जरूरत ना पड़े.
साथ ही केन्द्रीय गृह मंत्री ने जम्मू कश्मीर संयुक्त परीक्षा- 2024 बैच के 209 सफल अभ्यर्थियों को उनका नियुक्ति पत्र भी दिया.
इनमें जम्मू कश्मीर एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के 96, अकाउंट गज़ट सर्विस के 63 और पुलिस सर्विस के 50 अफसर शामिल हैं. उन्होंने कहा कि आज से इन अधिकारियों के जीवन में नई शुरूआत हो रही है और इस वक्त की इन अधिकारियों की सोच इनके पूरे जीवन का रास्ता प्रशस्त करने में मदद करेगी.
अमित शाह ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में पारदर्शी व्यवस्था के कारण मेरिट के आधार पर इन अधिकारियों को ये नौकरियां मिली है. मोदी काल में सिफारशी पर्ची के आधार पर नहीं, बल्कि परीक्षा के पर्चे का आधार पर नौकरियां मिलती हैं.
उन्होंने कहा कि पहले राजनीतिक सिफारिश या भ्रष्टाचार के बिना नौकरी मिलना असंभव होता था. उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर बदलाव के दौर से गुज़र रहा है और अब यहां आतंकवाद, बम धमाकों, गोलीबारी, पथराव और हड़ताल की जगह विद्याभ्यास, स्कूल, कॉलेज, विभिन्न संस्थान, उद्योग और इन्फ्रास्ट्रक्चर देखने को मिल रहे हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री ने याद दिलाया कि अगस्त 2019 से अब तक धारा 370 और 35A समाप्त होने के बाद 34 हजार 440 रिक्तियां भरी गई हैं, जिनमें से 24,000 जम्मू कश्मीर सेवा चयन बोर्ड, 3900 जम्मू कश्मीर लोक सेवा आयोग, 2637 जम्मू कश्मीर पुलिस और 2436 जम्मू कश्मीर बैंक द्वारा बरी गई हैं.
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