जम्मू-कश्मीर: भूस्खलन में फंसे अमरनाथ यात्रियों के लिए सेना ने चलाया बचाव अभियान

लगभग 500 यात्रियों को सेना द्वारा तंबुओं में सुरक्षित आश्रय प्रदान किया गया और उन्हें चाय तथा पीने का पानी उपलब्ध कराया गया. इसके अतिरिक्त, ब्रारीमार्ग और Z मोड़ के बीच बने लंगरों में लगभग 3000 श्रद्धालुओं ने शरण ली. जहां उन्हें भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गईं.

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भूस्खलन में फंसे अमरनाथ यात्रियों की मदद के लिए भारतीय सेना आई आगे.
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  • जम्मू-कश्मीर के रेयलपथरी और ब्रारिमर्ग के बीच Z मोड़ पर भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ, जिससे अमरनाथ यात्रा प्रभावित हुई.
  • भारतीय सेना की टुकड़ी ने लगभग पांच सौ यात्रियों को तंबुओं में सुरक्षित आश्रय और चाय-पानी उपलब्ध कराया.
  • ब्रारिमर्ग और Z मोड़ के लंगरों में तीन हजार श्रद्धालुओं को भोजन और आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गईं.
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जम्मू-कश्मीर:

जम्मू-कश्मीर के ऊपरी इलाकों में लगातार खराब मौसम के बीच, भारतीय सेना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वह न केवल राष्ट्र की सुरक्षा में, बल्कि नागरिकों की सेवा में भी हमेशा तत्पर रहती है. बुधवार की शाम लगभग 7:15 बजे, रेयलपथरी और ब्रारिमर्ग के बीच स्थित Z मोड़ पर लगातार बारिश के कारण भूस्खलन हुआ. जिससे अमरनाथ यात्रा बाधित हो गई और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मार्ग में फंस गए. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ब्रारिमर्ग में तैनात सेना की टुकड़ी तुरंत राहत कार्यों में जुट गई.

लगभग 500 यात्रियों को सेना द्वारा तंबुओं में सुरक्षित आश्रय प्रदान किया गया और उन्हें चाय तथा पीने का पानी उपलब्ध कराया गया. इसके अतिरिक्त, ब्रारीमार्ग और Z मोड़ के बीच बने लंगरों में लगभग 3000 श्रद्धालुओं ने शरण ली. जहां उन्हें भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गईं.

इस बीच एक बीमार यात्री, जो रेयलपथरी क्षेत्र में दो भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के बीच फंसा हुआ था. उसे भारतीय सेना की क्विक रिएक्शन टीम (QRT) ने मैन्युअल स्ट्रेचर के माध्यम से सुरक्षित निकालकर रेयलपथरी पहुंचाया. जहां से उसे एंबुलेंस द्वारा इलाज के लिए आगे भेजा गया,

वर्तमान में ब्रारिमर्ग के कैंप निदेशक और सेना के कंपनी कमांडर स्वयं स्थल पर मौजूद हैं, और उन्होंने स्थिति को स्थिर एवं नियंत्रण में बताया है. यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं. रेयलपथरी और ब्रारिमर्ग क्षेत्रों में हल्की बारिश जारी है. सेना पूरी तरह सतर्क है ताकि किसी भी संभावित आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके.

अमरनाथ यात्रा 2025 के दौरान भारतीय सेना की यह त्वरित, संगठित और संवेदनशील प्रतिक्रिया उसके पेशेवर कौशल, निष्ठा और मानवीय मूल्यों का स्पष्ट प्रमाण है. हर चुनौती में सेना हर यात्री के साथ मजबूती से खड़ी है — कंधे से कंधा मिलाकर.

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