यूपी (UP) और उत्तराखंड (Uttrakhand) में लव जिहाद (Love Jihad) कानून के मामले में जमीयत उलेमा ए हिंद (Jamiat Ulama e Hind) ने भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अर्जी दाखिल की है. अर्जी में सुप्रीम कोर्ट से इस केस में उसे भी पक्षकार बनाने की मांग की गई है. इस मामले में आज ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, यूपी और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है.
जमीयत उलेमा ए हिंद की अर्जी में कहा गया है कि संगठन सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम युवाओं के मौलिक अधिकारों का मुद्दा उठाएगा, जिन्हें लव जिहाद अध्यादेश का उपयोग करके असंवैधानिक और अनुच्छेद 14, 21 और 25 के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर निशाना बनाया जा रहा है.
याचिका में कहा गया है कि यूपी का अध्यादेश व्यक्तिगत पसंद करने की स्वायत्तता में हस्तक्षेप करता है और दंडात्मक परिणाम तब भी लागू करता है जब धर्म परिवर्तन का कार्य बड़े पैमाने पर समाज को प्रभावित नहीं करता है. यूपी का अध्यादेश व्यक्तिगत स्वायत्तता के क्षेत्र में एक अनुचित घुसपैठ की ओर जाता है. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश द्वारा अधिनियमित कानूनों को असंवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए.