जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने मनाया 102वां स्थापना दिवस, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने बेशुमार उपलब्धियों के लिए दी बधाई

जामिया के कुलपति ने कहा, "हम राष्ट्र निर्माण और समाज पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार और सम्मेलन आयोजित करते रहे हैं और हमने इन सपनों को साकार करने में हमेशा अपनी विशिष्ट भूमिका निभाई है."

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नई दिल्ली:

स्वतंत्रता संग्राम और असहयोग आंदोलन से जन्मी संस्था जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने शनिवार को अपनी स्थापना के 102 साल पूरे कर लिए. विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स ने समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष सरकार, जामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर और समारोह के विशिष्ट अतिथि कैलिफ़ोर्निया यूएसए के अपबिल्ड ग्लोबल इंक के संस्थापक और सीईओ डॉ उपेंद्र गिरि को एक शानदार गार्ड ऑफ ऑनर दिया.

स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन समारोह विश्वविद्यालय के डॉ. एम ए अंसारी सभागार के लॉन में कुलपति प्रो. नजमा अख्तर द्वारा जामिया का झंडा फहराने के साथ शुरू हुआ और छात्रों द्वारा 'ये जामिया का परचम' गीत गाया गया.

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने अपने संबोधन की शुरुआत टीचिंग और नॉन-टीचिंग बिरादरी, छात्रों, पूर्व छात्रों और सभी हितधारकों को बधाई देकर की. उन्होंने कहा, “अपनी स्थापना के बाद से, विश्वविद्यालय ने बेशुमार उपलब्धियां हासिल की हैं, जो देश के लिए यादगार और महत्वपूर्ण रहेंगी. मैं आप सभी को बधाई देता हूं, यह बहुत गर्व की बात है कि संस्थान ने एक और उपलब्धि हासिल है."

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जामिया भारत के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से एक है. छात्र, शोधार्थी और शिक्षक अध्ययन, शिक्षण, अनुसंधान और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों में लगातार उत्कृष्ट रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैं इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर के प्रयासों की सराहना करता हूं, जो विश्वविद्यालय की बेहतरी और उत्कृष्टता के लिए कुशलतापूर्वक काम कर रही हैं."

जामिया की कुलपति प्रो नजमा अख्तर ने पिछले कुछ वर्षों में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सरकार से अपील करता है कि एक मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज की स्थापना के लिए मंजूरी दी जाए, जो न केवल इस क्षेत्र के लिए बल्कि नोएडा जैसे आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए भी उपयोगी होगा.

कुलपति ने कहा, "जामिया ने हमेशा प्रगतिशीलता, ज्ञान, विविधता में एकता की शिक्षा दी है. विश्वविद्यालय हमेशा सहअस्तित्व और देशभक्ति की बात करता है. हम राष्ट्र निर्माण और समाज पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार और सम्मेलन आयोजित करते रहे हैं और हमने इन सपनों को साकार करने में हमेशा अपनी विशिष्ट भूमिका निभाई है."

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सभागार के अंदर जामिया तराना के गायन के साथ समारोह की शुरुआत हुई, जिसके बाद मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का अभिनंदन किया गया. प्रो. फरहत नसरीन, इतिहास और संस्कृति विभाग, जामिया, सुश्री मिर्जा शाइना बेग और नवी हसन, विश्वविद्यालय के छात्रों ने शानदार इतिहास और जामिया की 102 साल की यात्रा पर अपने ओजपूर्ण भाषणों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

केंद्रीय मंत्री और कुलपति ने विश्वविद्यालय के 21 शोधकर्ताओं को सम्मानित किया, जिन्हें स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की शीर्ष 2% वैज्ञानिकों की प्रतिष्ठित वैश्विक सूची में शामिल किया गया था. इस अवसर पर हाल ही में प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप (पीएमआरएफ) के लिए चयनित विश्वविद्यालय के बारह शोध विद्वानों, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए), जेएमआई के सफल छात्रों और हाल ही में विज़िटर पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रो जाहिद अशरफ को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया.

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समारोह के विशिष्ट अतिथि डॉ उपेंद्र गिरि ने कहा, "पिछले 102 वर्षों में जामिया की उपलब्धियों के बारे में जानकर मुझे गर्व महसूस हो रहा है और मैं इस संस्थान का पूर्व छात्र होने के कारण पुरानी यादों में भी जा रहा हूं." अपने ऊर्जावान संबोधन से उन्होंने सभी को विश्वविद्यालय को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया.

प्रो. नाजिम हुसैन जाफरी, रजिस्ट्रार, जामिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया और इसके बाद सभा द्वारा राष्ट्रगान गाया गया. दूसरे हाफ में सभागार में कई सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया. रामचंदर जांगड़ा, राज्यसभा सांसद, हरियाणा और प्रो. असीम अली खान, महानिदेशक, सीसीआरयूएम, भारत सरकार, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे. डीन छात्र कल्याण प्रो. इब्राहिम और उनकी टीम, एनएसएस स्वयंसेवकों और एनसीसी कैडेटों ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की.

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