जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट ट्रेन में सोमवार को हुए शूटआउट में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. सूत्रों ने कहा कि ASI समेत 4 लोगों की गोली मारकर हत्या करने के आरोपी आरपीएफ कॉन्सटेबल चेतन सिंह को मेंटल हेल्थ एसेसमेंट के लिए भेजा गया है. 33 साल के चेतन सिंह ने ट्रेन में अपने सीनियर असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) टीकाराम मीना और दूसरे कोच में 3 यात्रियों को अपनी सर्विस राइफल से गोली मार दी थी. पुलिस ने उसे भागने के दौरान गिरफ्तार किया था.
रेल मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि आरोपी आरपीएफ कॉन्सटेबल का मेंटल और साइकोलॉजिकल हेल्थ एसेसमेंट किया जा रहा है. रेल मंत्रालय के सूत्रों ने सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहे वीडियो और पोस्ट में उठाए गए सांप्रदायिक एंगल को खारिज किया है. सूत्रों ने कहा कि आरोपी ने अपने सीनियर समेत हिंदुओं को भी गोली मारी थी.
आरोपी चेतन सिंह और ASI टीकाराम मीना समेत 4 आरपीएफ पुलिसकर्मी गुजरात के सूरत से ट्रेन में सवार हुए थे. ये सभी यात्रियों और माल की सुरक्षा के लिए लंबी दूरी की ट्रेनों में तैनात एस्कॉर्ट ग्रुप का हिस्सा थे. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि चेतन सिंह काफी गुस्से में और उत्तेजित लग रहा था. उसने अपने सीनियर ASI को गोली मार दी. इसके बाद वह दूसरे कोचों में गया. वहां 4 यात्रियों की भी गोली मारकर हत्या कर दी. मृतकों की पहचान अजगर अब्बास शेख (48) अब्दुल कादरभाई मोहम्मद हुसैन भानपुरवाला (62) शामिल थे. वहीं, एक और यात्री हिंदू समुदाय का बताया जा रहा है.
सूत्रों ने बताया कि चेतन सिंह की ड्यूटी के दौरान तबीयत गड़बड़ लग रही थी. उसने अपने सीनियर को इस बारे में बताया था. इसके बाद सीनियर ASI ने उसे आराम करने के लिए कहा. चेतन सिंह ने कुछ देर आराम किया और फिर जोर देकर कहा कि वह ठीक है. इसके बाद उसने फिर से ड्यूटी शुरू कर दी. लोअर परेल में तैनात थे. उसके परिवार ने भी उसे गुस्से स्वभाव का बताया है. रेल मंत्रालय ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद वह घटना की गहनता से जांच करेगा. वहीं, पश्चिमी रेलवे ने कहा है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच की जा रही है.
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