उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री के बाद टीएमसी सांसद के खिलाफ बीजेपी के तेज होते विरोध को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge On Jagdeep Dhankar)) ने बुधवार को नेताओं को चुप रहने और भड़काऊ भाषा के इस्तेमाल से बचने के लिए आगाह किया. संसद की सीढ़ियों पर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा की गई मिमिक्री को जगदीप धनखड़ ने "व्यक्तिगत हमला" और "किसान, समुदाय का अपमान" बताया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "एक इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए...लोगों को भड़काने से बचना चाहिए.''
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मेरी जाति पर भी हमला किया जाता है, मैं कुछ नहीं कहता-खरगे
कांग्रेस नेता खरगे ने कहा कि उन्हें भी अक्सर सांप्रदायिक अपमान का सामना करना पड़ता है. खरगे ने कहा,"अध्यक्ष ने कहा कि जो अपमान हुआ वह जाति आधारित था और किसानों का भी अपमान किया गया था... (लेकिन) मेरी जाति पर भी हमेशा हमला किया जाता है (और मैं कुछ नहीं कहता).'' बता दें कि कल्याण बनर्जी द्वारा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का मजाक उड़ाने पर बीजेपी उग्र विरोध प्रदर्शन कर रही है. बीजेपी मिमिक्री वाली घटना का वीडियो बनाने के लिए राहुल गांधी की आलोचना कर रही है. धनखड़ के सम्मान में आज एनडीए के सांसद राज्यसभा में एक घंटे तक खड़े रहे. वहीं केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि संसद द्वारा अभूतपूर्व सामूहिक निलंबन के बाद बीजेपी या उसके सहयोगी सांसद कल्याण बनर्जी के कार्यों की "कड़ी निंदा" करते हैं.
विपक्ष किसी का अपमान नहीं करना चाहता-खरगे
मल्लिकार्जुन खरगे ने उस विरोध का जवाब देते हुए कहा कि 'बाहर हुई घटना को लेकर सदन में प्रस्ताव पारित करना कहां तक उचित है?'' उन्होंने निलंबन के लिए संसद की भी आलोचना करते हुए कहा कि आपने नियमों का पालन नहीं किया.हम चाहते हैं कि निलंबित सांसदों को बहाल किया जाए." उन्होंने जोर देकर कहा कि विपक्ष "किसी का अपमान नहीं करना चाहता" और केवल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत सरकार को जवाबदेह ठहराना चाहता है.
मोदी-शाह सदन में बयान क्यों नहीं देते-कांग्रेस अध्यक्ष
बता दें कि पिछले हफ्ते संसद की सुरक्षा में हुई चूक पर विपक्ष की कड़ी आलोचना के बाद तृणमूल नेता की मिमिक्री से सरकार को जवाबी हमला करने का सुनहरा मौका मिल गया है. बता दें कि विपक्षी नेता प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बयान की मांग सदन में कर रहे थे. इस मामले पर हुए हंगामे के बाद 140 से अधिक सांसदों को निलंबित कर दिया गया. वहीं खरगे ने कहा, "मोदी जी और शाह जी यहां हैं... वे सदन में आकर बयान क्यों नहीं देते? वे सदन का बहिष्कार क्यों कर रहे हैं? वे बाहर बात कर सकते हैं... लेकिन सदन में नहीं?" उन्होंने कहा कि गृह मंत्री को आकर इस पर बयान देना चाहिए. यह देश के इतिहास में लिखा जाएगा कि वे लगभग 150 सांसदों को निलंबित कर रहे हैं और सदन को एकतरफा चलाने की कोशिश कर रहे हैं.
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