"यह कुछ और नहीं, बल्कि परिवार के किसी सदस्य...": मुकुल रोहतगी के खिलाफ ललित मोदी की ‘अपमानजनक’ टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट

सुनवाई की शुरुआत में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ के समक्ष दलील दी कि एक शपथ पत्र दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि जब तक मध्यस्थता की कवायद चल रही है, तब तक कोई पोस्ट साझा नहीं किया जाएगा.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
मुकुल रोहतगी के खिलाफ ललित मोदी की ‘अपमानजनक’ टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया.
नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उस याचिका पर कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व प्रमुख ललित मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में पूर्व अटॉर्नी जनरल एवं वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के खिलाफ ‘अपमानजनक' टिप्पणी की थी. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि दोनों पक्ष इतने परिपक्व हैं कि इस तरह की टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए. उसने दोनों पक्षों के वकीलों को मामला सुलझाने का निर्देश दिया.

"हम आदेश पारित नहीं कर रहे"

पीठ ने कहा, “यह कुछ और नहीं, बल्कि परिवार के किसी सदस्य द्वारा गुस्से का इजहार करने जैसा है. इसे लंबा मत खींचिए. जब भी आप सार्वजनिक रूप से लड़ना शुरू करते हैं, तो यह हमेशा हानिकारक होता है... हम आदेश पारित नहीं कर रहे हैं, लेकिन आप अपने सक्षम कार्यालय का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए करें कि उपचारात्मक उपाय किए जाएं.”

संपत्ति विवाद

उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल एक अगस्त को आईपीएल के प्रमुख ललित मोदी और उनकी मां बीना मोदी से जुड़े एक पारिवारिक संपत्ति विवाद को निपटाने के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर वी रवींद्रन को मध्यस्थ के रूप में नियुक्त किया था. वरिष्ठ अधिवक्ता रोहतगी संपत्ति विवाद में बीना मोदी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों में से एक हैं.

Advertisement

अदालत के आदेशों का उल्लंघन :कपिल सिब्बल

सुनवाई की शुरुआत में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ के समक्ष दलील दी कि एक शपथ पत्र दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि जब तक मध्यस्थता की कवायद चल रही है, तब तक कोई पोस्ट साझा नहीं किया जाएगा. सिब्बल ने कहा, “मध्यस्थता के दौरान टिप्पणियां की जा रही हैं. इन्हें वापस लिया जाना चाहिए. यह अदालत के आदेशों का उल्लंघन है.”

Advertisement

आदेशों का उल्लंघन नहीं किया : हरीश साल्वे

वहीं, ललित मोदी की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि अदालत के आदेशों का उल्लंघन नहीं किया गया है और यह महज गुस्से में लिखा गया पोस्ट भर है. शीर्ष अदालत ने माना कि दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की प्रक्रिया चल रही है. ललित मोदी ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में रोहतगी के बारे में कुछ टिप्पणी की थी. हालांकि, बाद में एक अन्य पोस्ट के जरिये उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता से कथित तौर पर माफी मांग ली थी.

Advertisement

यह भी पढ़ें-
महाकाल लोक में श्रद्धालुओं के बीच मारपीट का वीडियो वायरल, लोग बता रहे-"छवि खराब करने वाला"
नेपाल विमान हादसा : सिंगापुर में ब्लैक बॉक्स की जांच होगी, हादसे में 72 लोगों की हुई थी मौत 
हैदराबाद विश्वविद्यालय : एसएफआई ने विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री तो एबीवीपी ने दिखाई ‘द कश्मीर फाइल्स'

Advertisement
Featured Video Of The Day
Pakistan Train Hijack: पाकिस्तान के सांसद ने क्यों कहा- 5 टुकड़ों में बंट जाएगा Balochistan | BLA
Topics mentioned in this article