गूगल, अमेजॉन और स्विगी के बाद अब दिग्गज आईटी कंपनी विप्रो से भी छटनी की खबर है. कंपनी की तरफ से कहा गया है कि 400 से अधिक एंट्री लेवर के कर्मचारियों को निकाल दिया गया है. क्योंकि ट्रेनिंग के बाद भी उनका आंतरिक मूल्यांकन काफी खराब था. कंपनी ने एनडीटीवी को दिए एक बयान में कहा कि हम खुद को उच्चतम मानकों पर रखने में गर्व महसूस करते हैं. मानकों के अनुरूप, हमारा लक्ष्य खुद के लिए निर्धारित करना है, हम प्रत्येक एंट्री लेवर के कर्मचारी से उनके कार्य के निर्दिष्ट क्षेत्र में एक निश्चित स्तर की कुशलता की उम्मीद करते हैं.
कंपनी ने कहा कि मूल्यांकन प्रक्रिया में कंपनी के व्यावसायिक उद्देश्यों और हमारे क्लाइंट की आवश्यकताओं के अनुसार कर्मचारियों को कुशल बनाने के लिए आकलन शामिल है. यह व्यापक प्रदर्शन मूल्यांकन प्रक्रिया होती है. बयान में कहा गया है कि हमें 452 फ्रेशर्स को बाहर करना पड़ा क्योंकि उन्होंने प्रशिक्षण के बाद भी बार-बार असेसमेंट में खराब प्रदर्शन किया. द टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार के अनुसार, कंपनी ने प्रभावित कर्मचारियों को सूचित किया कि वे प्रत्येक प्रशिक्षण लागत के लिए 75,000 रुपये का भुगतान करना था, लेकिन कंपनी ने खर्च को "माफ" कर दिया है.
बताते चलें कि पिछले हफ्ते, कंपनी ने दिसंबर 2022 तिमाही के लिए समेकित शुद्ध लाभ में उम्मीद से बेहतर 2.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है और वैश्विक विपरीत परिस्थितियों के बावजूद चौथी तिमाही के लिए "मजबूत" बुकिंग के बारे में आशा व्यक्त की है.
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