कश्मीर में हिन्दुओं और सिखों की हत्या का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, स्वत: संज्ञान लेने की अपील

पिछले पांच दिनों में कश्मीर घाटी में सात नागरिकों की हत्या हुयी है, जिनमें से छह की हत्या शहर में हुई है. मृतकों में से चार लोग अल्पसंख्यक (हिन्दू और सिख) समुदाय से थे.

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कश्मीर में हिंदुओं और सिखों की हत्या का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.
नई दिल्ली:

कश्मीर में हिंदुओं और सिखों की हत्या का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. दिल्ली के वकील विनीत जिंदल ने देश के मुख्य न्यायाधीश  जस्टिस एन वी रमना को चिट्ठी लिखकर इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया है.

अपने पत्र में वकील विनीत जिंदल ने कश्मीर में रह रहे सिखों और हिंदुओं को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने हिंदू और सिखों की हत्या के मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी से कराने की मांग की है. अपने पत्र में जिंदल ने मृत लोगों के परिवार को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की है.

जिंदल ने CJI को लिखे अपने पत्र में कहा है,  "कश्मीर घाटी में हत्या की हालिया घटनाओं, विशेष रूप से लक्षित अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों की हत्या, ने एक बार फिर से  साल 2000 में अनंतनाग के छत्तीसिंहपोरा गांव में हुई 36 सिखों के नरसंहार की भीषण घटना की याद दिला दी है."

पिछले पांच दिनों में कश्मीर घाटी में सात नागरिकों की हत्या हुयी है, जिनमें से छह की हत्या शहर में हुई है. मृतकों में से चार लोग अल्पसंख्यक (हिन्दू और सिख) समुदाय से थे. जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों पर बढ़े हमलों के बीच श्रीनगर के ईदगाह इलाके में गुरुवार को आतंकवादियों ने एक महिला प्रधानाध्यापक समेत सरकारी विद्यालय के दो शिक्षकों की गोली मार कर हत्या कर दी. 

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