भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) के प्रमुख एस सोमनाथ (S Somanath) ने करीब एक महीने पहले एक खास इंटरव्यू में एनडीटीवी को बताया था कि उन्होंने अपने करियर में बड़ी चुनौतियों का सामना किया है. साथ ही उन्होंने संकेत दिया था कि इसरो में उनकी पॉजिशन को खतरा था और उन्हें बाहर निकाला जा सकता था. इसरो प्रमुख ने अपने पूर्ववर्ती के सिवन (K Sivan) के बारे में कुछ कथित आलोचनात्मक टिप्पणियों पर विवाद के बाद अपनी आत्मकथा प्रकाशित नहीं करने का फैसला किया है.
चंद्रयान 3 की सफलता के बाद सितंबर में एनडीटीवी के साथ एक इंटरव्यू में इसरो प्रमुख ने कहा था, "ऐसा मत सोचिए कि मेरे जीवन में मेरे लिए सब कुछ अच्छा था. मुझे अपने ऑफिशियल और पर्सनल जीवन में चुनौतियों का सामना करना पड़ा. आपको (स्वयं का जिक्र करते हुए) किसी संगठन से बाहर निकाला जा सकता है. आपकी स्थिति को खतरा हो सकता है (और) आपके साथ कभी-कभी बहुत सम्मान के साथ व्यवहार भी नहीं किया जाता है."
सोमनाथ ने कहा कि उनकी आलोचना की गई थी और उनकी क्षमता पर सवाल उठाए गए थे, लेकिन उन्होंने खुद को कुछ लोगों की "मूर्खतापूर्ण हरकतों" से ऊपर उठना सिखाया था.
उन्होंने कहा, "'...आप उपयुक्त व्यक्ति नहीं हैं (इस भूमिका के लिए)'...मैं यह सब आलोचना सुनता हूं लेकिन आपको खुद को इन मूर्खतापूर्ण चीजों से ऊपर उठाना होगा. एक बार जब आप उस बिंदु (आत्मविश्वास के) पर पहुंच जाते हैं तो आप ऐसे लोगों को देखकर मुस्कुरा सकते हैं. उनकी मूर्खतापूर्ण हरकतों को नजरअंदाज किया जा सकता है."
इसरो प्रमुख ने शनिवार को कहा कि उन्होंने विवाद के मद्देनजर पुस्तक 'निलावु कुदिचा सिम्हंगल' का प्रकाशन वापस लेने का फैसला किया है.
'शीर्ष तक पहुंचने के लिए चुनौतियों से गुजरना पड़ता है'समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोमनाथ ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को किसी संगठन में शीर्ष पद तक पहुंचने के लिए कुछ चुनौतियों से गुजरना पड़ता है. वह उस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें दावा किया गया था कि उनकी आत्मकथा में सिवन के बारे में कुछ आलोचनात्मक टिप्पणियां की गई हैं.
पीटीआई की रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा गया, "ऐसे प्रमुख पदों पर आसीन व्यक्तियों को कई चुनौतियों से गुजरना पड़ सकता है. उनमें से एक चुनौती किसी संगठन में पद पाने से जुड़ी है. अधिक व्यक्ति एक महत्वपूर्ण पद के लिए पात्र हो सकते हैं. मैंने बस उस विशेष बिंदु को सामने लाने की कोशिश की. मैंने इस संबंध में किसी व्यक्ति विशेष को निशाना नहीं बनाया."
आत्मकथा लोगों को प्रेरित करने का प्रयास : सोमनाथसोमनाथ ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी पुस्तक में चंद्रयान-2 मिशन की विफलता की घोषणा के संबंध में स्पष्टता की कमी का उल्लेख किया है. हालांकि उन्होंने दोहराया कि उनकी आत्मकथा लोगों को प्रेरित करने का प्रयास है और इसका उद्देश्य किसी की आलोचना नहीं है.
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