भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों को स्वास्थ्य और ज्यादातर साधारण बीमा उत्पादों को बिना उसकी (इरडा) मंजूरी के पेश करने की अनुमति दे दी है. इस कदम का उद्देश्य भारत को पूरी तरह बीमा के दायरे में लाना है. बीमा नियामक ने बुधवार को बयान में कहा कि इरडा ने भारत को पूरी तरह से बीमा के तहत लाने की दिशा में उठाए गए सुधार एजेंडा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है. इरडा ने कहा, ‘‘यह बीमा क्षेत्र में कारोबार सुगमता की दिशा में एक कदम है. मौजूदा व्यवस्था में उत्पादों को ऐसी व्यवस्था में पेश करने के लिए पूर्व-स्वीकृति की आवश्यकता होती है, जबकि इन्हें बिना पूर्व-मंजूरी के पेश किया जा सकता है.''
बीमा नियामक ने कहा कि इस पहल से बीमा उद्योग उपयुक्त उत्पादों को समय पर पेश करने में सक्षम होगा. इरडा के कहा उम्मीद है कि बीमा उद्योग इस अवसर का उपयोग अनुकूलित और नए उत्पादों को पेश करने के लिए करेगा. बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) तपन सिंघल ने कहा कि नियामक की यह पहल बीमा कंपनियों को कुछ आवश्यक तंत्र प्रदान करेगी जो बाजार में तेजी से नए उत्पादों को लाने की इच्छा रखते हैं.
सिक्योर नाउ के सह-संस्थापक कपिल मेहता ने कहा कि इरडा के फैसले से बीमा कंपनियों को कई तरह के उत्पाद पेश करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी नजर में यह एक शानदार कदम है.'' इसके अलावा एडलवाइस जनरल इंश्योरेंस की कार्यकारी निदेशक और सीईओ शनाई घोष ने कहा कि इस कदम ने बीमाकर्ताओं को सशक्त बनाया है. उन्होंने कहा कि इस कदम ने उत्पाद की मंजूरी और पेश करने की पूरी प्रक्रिया को सरल बना दिया है, जिससे बीमाकर्ताओं की एक प्रमुख चुनौती का समाधान हो गया है.
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