ईरान मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का नया स्थायी सदस्य बन गया. एससीओ के एक ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में यह घटनाक्रम हुआ, जिसकी मेजबानी भारत ने की. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रभावशाली समूह का पूर्ण सदस्य बनने पर ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और वहां के लोगों को बधाई दी. मोदी ने कहा, “मैं इस मौके पर राष्ट्रपति रईसी और ईरान के लोगों को बधाई देता हूं। हम बेलारूस की एससीओ सदस्यता के लिए मेमोरेंडम ऑफ ऑब्लिगेशन पर हस्ताक्षर करने का भी स्वागत करते हैं.”
उन्होंने कहा, “आज एससीओ में शामिल होने के लिए अन्य देशों की रुचि इस संगठन के महत्व का प्रमाण है.”
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुए शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और समूह के अन्य नेता शामिल हुए.
अपनी टिप्पणी में, रईसी ने उम्मीद जताई की कि एससीओ में ईरान की उपस्थिति सामूहिक सुरक्षा और सतत विकास के साथ-साथ देशों के बीच एकता हासिल करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी.
शिखर सम्मेलन के समापन पर जारी एक घोषणा पत्र में कहा गया कि सदस्य देशों ने “एक पूर्ण सदस्य राष्ट्र के रूप में एससीओ में इस्लामी गणराज्य ईरान के प्रवेश के ऐतिहासिक महत्व पर जोर दिया.”
घोषणा में कहा गया है, “उन्होंने एससीओ के सदस्य का दर्जा प्राप्त करने के लिए बेलारूस गणराज्य द्वारा मेमोरेंडम ऑफ ऑब्लिगेशन पर हस्ताक्षर करने के महत्व को भी रेखांकित किया.”
एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों द्वारा की गई थी. वर्ष 2017 में भारत के साथ पाकिस्तान इसका स्थायी सदस्य बना.
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