IPS पूरन सुसाइड केस: हरियाणा के DGP शत्रुजीत कपूर पर FIR, अब गिर सकती है गाज, सरकार ने शुरू की तैयारी

गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आईपीएस पूरन कुमार की पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार के सरकारी आवास पर पहुंच कर उनसे मुलाकात की थी. इस दौरान अमनीत ने मुख्यमंत्री से अपनी शिकायत और पति के सुसाइड नोट में नामित लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की.

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IPS वाई. पूरन कुमार की फाइल फोटो और हरियाणा के DGP शत्रुजीत कपूर.
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  • IPS पूरन कुमार सुसाइड केस में हरियाणा के DGP शत्रुजीत कपूर सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों पर FIR दर्ज की गई है.
  • अब इस मामले में फंसे हरियाणा डीजीपी सहित अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही हैं.
  • पूरन कुमार की पत्नी IAS अमनीत ने CM से मुलाकात कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
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IPS Y Puran Kumar Suicide Case: हरियाणा के IPS ऑफिसर वाई पूरन कुमार के सुसाइड मामले में अब बड़े एक्शन की तैयारी शुरू हो गई है. विदेश से लौटने के बाद आईपीएफ ऑफिसर की पत्नी IAS ऑफिसर अमनीत पी कुमार ने मामले की शिकायत पुलिस से की थी. उन्होंने अपनी शिकायत में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक के एसपी सहित कई अन्य अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे. अब इस मामले में डीजीपी, रोहतक एसपी सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है. मामले में वरीय अधिकारियों पर FIR दर्ज होने के बाद अब उन्हें पद से हटाते हुए जांच के दायरे में लाने की कवायद तेज हो गई है.

सीएम ने 1993 बैच के IPS ऑफिसर आलोक मित्तल को बुलाया

मिली जानकारी के अनुसार मामले में चंडीगढ़ में एफआईआर दर्ज होने के बाद हरियाणा सरकार में तेजी से घटनाक्रम बदल रहे हैं. मामले में डीजीपी शत्रुजीत कपूर से मिलने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 1993 बैच के IPS ऑफिसर आलोक मित्तल को मिलने के लिए बुलाया है. सूत्रों के अनुसार एफआईआर दर्ज होने के बाद डीजीपी शत्रुजीत कपूर को पद से हटाया जा सकता है.

IPS ऑफिसर आलोक मित्तल बनाए जा सकते हैं हरियाणा के डीजीपी

डीजीपी शत्रुजीत कपूर की जगह पर 1993 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी आलोक मित्तल को हरियाणा पुलिस की कमान सौंपी जा सकती है. हरियाणा के IGP पुष्पेंद्र सिंह ने NDTV से बात करते हुए बताया कि आईपीएस पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में भारतीय न्याय संहित की धारा 108 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो आत्महत्या के लिए उकसाने से जुड़ा है.

आत्महत्या के लिए उकसाने सहित SC-ST एक्ट के तहत भी मामला दर्ज

साथ ही इस मामले में SC-ST एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है. बताया गया कि पूरन कुमार के सुसाइड नोट में जिन-जिन अधिकारियों के नाम थे, उन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. चंडीगढ़ पुलिस ने भी वाई पूरन कुमार सुसाइड मामले में एफआईआर दर्ज कर लिए जाने की पुष्टि की है. जिसके बाद अब डीजीपी सहित अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.

आईपीएस पूरन की पत्नी से मिलने उनके घर पहुंचे थे सीएम

मालूम हो कि गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आईपीएस पूरन कुमार की पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार के सरकारी आवास पर पहुंच कर उनसे मुलाकात की थी. इस दौरान अमनीत ने मुख्यमंत्री से अपनी शिकायत और पति के सुसाइड नोट में नामित लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की.

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सीएम ने अधिकारी की पत्नी को दिया था उचित कार्रवाई का आश्वासन

जापान की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा से लौटने के बाद गुरुवार को यहां पहुंचे सैनी लगभग 50 मिनट तक कुमार के आवास पर रहे. उन्होंने अमनीत कुमार को उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया. अमनीत कुमार वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और हरियाणा सरकार के विदेश सहयोग विभाग की आयुक्त एवं सचिव हैं.

सीएम के साथ जापान दौरे पर थीं अमनीत

मालूम हो कि पति के सुसाइड के समय अमनीत सीएम नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनकर जापान गई थीं लेकिन पति की मौत की खबर मिलने पर वह बुधवार को भारत लौट आईं. अमनीत कुमार द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया. ज्ञापन में उन्होंने तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने, पूरन कुमार के 'सुसाइड नोट' और बाद में पुलिस को सौंपी गई शिकायत में उल्लिखित आरोपियों को निलंबित करने, गिरफ्तार करने और परिवार को आजीवन सुरक्षा देने की मांग की है 'क्योंकि मामले में हरियाणा के शक्तिशाली, उच्च पदस्थ अधिकारियों के नाम शामिल हैं.'

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सीएम को दिए ज्ञापन में FIR में देरी को लेकर जताई निराशा

ज्ञापन में महिला अधिकारी ने यह भी लिखा, “यह सबसे दुखद है कि स्पष्ट और विस्तृत सुसाइड नोट और औपचारिक शिकायत के बावजूद आज तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.'' उन्होंने ज्ञापन में कहा, 'सुसाइड नोट में स्पष्ट रूप से उत्पीड़न, अपमान और मानसिक यातना का माहौल बनाने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के नाम हैं, जो सीधे तौर पर इस दुखद कृत्य का कारण बने. यह नोट एक मृत्यु पूर्व बयान है और इसे तत्काल कानूनी कार्रवाई की मांग करने वाले महत्वपूर्ण सबूत के रूप में माना जाना चाहिए.'

आरोपी वरीय अधिकारी, इसलिए जांच में हो रही देरी

मृतक अधिकारी की पत्नी ने यह भी दावा किया है कि ''48 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बावजूद चंडीगढ़ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है.'' उन्होंने आरोप लगाया है कि इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है क्योंकि 'हरियाणा पुलिस और प्रशासन के शक्तिशाली, उच्च पदस्थ अधिकारी इस मामले में आरोपी हैं और वे चंडीगढ़ पुलिस को प्रभावित कर रहे हैं'.

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पूरन ने सुसाइड नोट में लिखे थे कई अधिकारियों के नाम

मालूम हो कि 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार (52) अपने सेक्टर 11 स्थित आवास के भूतल के एक कमरे में मृत मिले थे। उनके शरीर पर गोली लगी थी. सूत्रों के अनुसार, पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में कुछ ‘वरिष्ठ अधिकारियों' का नाम लिया और पिछले कुछ वर्षों में उन्हें झेलनी पड़ी ‘मानसिक प्रताड़ना' और अपमान का विवरण दिया.

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