अंतरिम बजट का मुख्य जोर पूंजीगत व्यय पर, प्रमुख योजनाओं के आवंटन में कटौती नहीं : निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री ने कहा कि अंतरिम बजट में सरकार की प्रमुख योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री किसान योजना का आवंटन अगले साल के अंतरिम बजट में चालू वित्त वर्ष के संशोधित बजट अनुमान के बराबर रखा गया है जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी, जल जीवन मिशन, मनरेगा, ग्राम सड़क योजना, समग्र शिक्षा का आवंटन बढ़ा दिया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रमुख योजना के बजट में न तो कटौती हुई और न ही कमी की गयी है.

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नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024-25 का मुख्य जोर पूंजीगत व्यय पर होने का जिक्र करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इसमें सरकार की किसी भी प्रमुख योजना के लिए आवंटन में न तो कटौती की गयी है न ही कमी. सीतारमण ने संसद के उच्च सदन में अंतरिम बजट और वित्त विधेयक पर एक साथ हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि अंतरिम बजट में इस बात को रेखांकित किया गया है कि इसमें सरकार ने पूंजीगत व्यय पर बल दिया है ताकि कोविड महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में जान फूंकी जा सके तथा जिस गति से भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है उसे बरकरार रखा जा सके.

उन्होंने कहा कि सरकार आधारभूत ढांचे के निर्माण और सार्वजनिक संपत्ति के निर्माण पर बल देना चाहती है. वित्त मंत्री ने तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार का नाम लेते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सदस्य पूंजीगत व्यय को लेकर भ्रमित हैं कि यह पूंजीपतियों पर किए जाने वाला व्यय है.

सीतारमण ने कहा कि पूंजीगत व्यय संपत्ति के निर्माण के लिए व्यय किया जाता है ताकि सभी नागरिक उनका उपयोग कर सकें और लोगों का जीवन सुगम बन सके. उन्होंने कहा कि बजट में प्रयुक्त होने वाली इस शब्दावली को विकृत करना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है.

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उन्होंने कहा कि राजस्व व्यय किए जाने पर एक रूपये में 98 पैसा भी वापस नहीं आता है किंतु जब पूंजीगत व्यय पर खर्च किया जाता है तो अल्प अवधि में एक रूपये पर एक रूपये 46 पैसा वापस आता है और मध्यम एवं दीर्घ अवधि में लाभ मिलता है. वित्त मंत्री ने कहा, 'पूंजीगत व्यय से रोजगार भी सृजित होते हैं. यह एक ऐसा निश्चित तरीका है जिसे विश्व भर में अल्पावधि में परिणाम प्राप्त करने के लिए अपनाया जाता है.'

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उन्होंने कहा कि सरकार ने अंतरिम बजट में 2023-24 के बजट संबंधी संशोधित अनुमान की तुलना में पूंजीगत व्यय में 17 प्रतिशत की वृद्धि की है. सरकार ने पिछले दो-तीन वर्ष में इस बात को सुनिश्चित किया है कि सरकार का ऋण प्रबंधन एवं राजकोष का समग्र प्रबंधन वर्ष 2021 में तय किए गए लक्ष्यों के अनुरूप रहे. अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.1 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य रखा गया है.

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सीतारमण ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार राजकोषीय घाटे में यह कमी कल्याण योजनाओं और विभिन्न कायक्रमों के लिए किए जाने वाले परिव्यय में कोई कटौती न करते हुए लायी है. उन्होंने कहा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, अल्पसंख्यक मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, आदिवासी मामलों के मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, महिला एवं बाल कल्याण, सड़क, रेलवे एवं रक्षा सहित विभिन्न मंत्रालयों का बजट अगले साल के अंतरिम बजट में वर्तमान वित्त वर्ष के बजट के संशोधित अनुमानों से अधिक रखा गया है.

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वित्त मंत्री ने कहा कि अंतरिम बजट में सरकार की प्रमुख योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री किसान योजना का आवंटन अगले साल के अंतरिम बजट में चालू वित्त वर्ष के संशोधित बजट अनुमान के बराबर रखा गया है जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी, जल जीवन मिशन, मनरेगा, ग्राम सड़क योजना, समग्र शिक्षा का आवंटन बढ़ा दिया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रमुख योजना के बजट में न तो कटौती हुई और न ही कमी की गयी है.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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