औद्योगिक लाइसेंस की वैधता तीन साल से बढ़ाकर 15 साल की गई

डीपीआईआईटी के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, 15 साल की अवधि खत्म होने के पहले ही लाइसेंस की अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन संबंधित क्षेत्र के प्रशासनिक मंत्रालय के समक्ष करना होगा.

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औद्योगिक लाइसेंस की वैधता को तीन साल से बढ़ाकर 15 साल किया गया.
नई दिल्ली:

सरकार ने सोमवार को कहा कि आईडीआर अधिनियम के तहत जारी किए गए सभी औद्योगिक लाइसेंस तीन साल के बजाय 15 वर्ष के लिए वैध होंगे. उद्योगों को लाइसेंस जारी करने के प्रावधान उद्योग विकास एवं नियमन (आईडीआर) अधिनियम के तहत किए गए हैं.

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने बयान में कहा कि पहले जारी सभी प्रेस नोट को निरस्त करते हुए औद्योगिक लाइसेंस की वैधता को तीन साल से बढ़ाकर 15 साल किया जा रहा है. यह कदम कारोबारी सुगमता बढ़ाने को रक्षा क्षेत्र के लिए जारी लाइसेंस की तर्ज पर उठाया जा रहा है.

विभाग ने औद्योगिक लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को मजबूत बनाते हुए कहा कि संबंधित मंत्रालय निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुरूप तीन साल के लिए लाइसेंस अवधि बढ़ा सकता है. यह प्रावधान तभी लागू होगा जब लाइसेंसधारक ने 15 साल की अवधि में उत्पादन शुरू न किया हो.

डीपीआईआईटी के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, 15 साल की अवधि खत्म होने के पहले ही लाइसेंस की अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन संबंधित क्षेत्र के प्रशासनिक मंत्रालय के समक्ष करना होगा.

हालांकि, यह आवेदन करते समय कुछ तय शर्तों का भी पालन करना जरूरी है. इनमें उस भूखंड का स्वामित्व या पट्टा कम-से-कम 30 वर्षों से आवेदक के पास हो, परियोजना का निर्माण कार्य पूरा हो और संयंत्र एवं मशीनें लगाने का काम पूरा हो चुका हो, जैसी शर्तें शामिल हैं.

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