पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाबी एक्शन लेते हुए पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते (Indus Waters Treaty) को स्थगित कर दिया था. रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, भारत पाकिस्तान के साथ इस समझौते को बहाल करने के बिल्कुल भी मूड में नहीं है. गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को यह साफ कर दिया कि इस्लामाबाद के साथ सिंधु जल संधि को कभी भी बहाल नहीं किया जाएगा. अमित शाह ने ये बात टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कही. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में बहने वाले पानी को आंतरिक उपयोग के लिए मोड़ दिया जाएगा.
पाकिस्तान की उम्मीदों पर फिरा पानी
अमित शाह ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों के मारे जाने के बाद भारत ने 1960 की संधि में अपनी भागीदारी को "स्थगित" कर दिया, जो सिंधु नदी प्रणाली के उपयोग को नियंत्रित करती है. इस संधि ने भारत से बहने वाली तीन नदियों के जरिए पाकिस्तान के 80% खेतों के लिए पानी पहुंच की गारंटी दी थी.
सिंधु जल समझौता बहाल नहीं होगा
बता दें कि पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले में खुद की किसी भी भूमिका से इनकार कर दिया है. लेकिन दोनों देशों के बीच पैदा हुई टेंशन के बाद सीजफायर पर सहमति के बावजूद संधि निष्क्रिय बनी हुई है. अमित शाह ने साफ किया कि इसे कभी बहाल नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम नहर बनाकर पाकिस्तान की तरफ बहने वाले पानी को राजस्थान ले जाएंगे. पाकिस्तान को अनुचित रूप से मिलने वाला पानी नहीं मिलेगा. अमित शाह की इस नई टिप्पणियों ने निकट भविष्य में संधि पर बातचीत के लिए पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.
एकतरफा कदम वापस लेने का कोई प्रावधान नहीं
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने रॉयटर्स की टिप्पणी की अपील का तुरंत जवाब नहीं दिया. लेकिन उसने पहले कहा था कि संधि में किसी एक पक्ष द्वारा एकतरफा कदम वापस लेने का कोई प्रावधान नहीं है. पाकिस्तान में बहने वाले नदी के पानी को रोकने को "युद्ध की कार्रवाई" माना जाएगा. इस्लामाबाद अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत संधि को स्थगित रखने के भारत के फैसले को कानूनी चुनौती देने की भी संभावना तलाश रहा है.