MP : 72 वर्षीय मां ने किडनी दान करके बेटे को दूसरी बार जीवन दिया

अस्पताल के किडनी रोग विभाग के प्रमुख डॉ. रितेश बनोदे ने कहा, ' यह प्रत्यारोपण निश्चित रूप से चुनौतीपूर्ण था क्योंकि अपने बेटे को किडनी दान करने वाली महिला की उम्र 72 वर्ष है, लेकिन सर्जरी पूरी तरह सफल रही.’’ उन्होंने कहा कि मां-बेटे की यह कहानी अंगदान के प्रति लोगों को प्रेरित करेगी.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
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  • इंदौर की 72 वर्षीय गंगा वर्मा ने अपने गंभीर रूप से बीमार बेटे कमलेश वर्मा को किडनी दान की है
  • कमलेश वर्मा तीन वर्षों से किडनी की बीमारी के कारण डायलिसिस पर थे और किडनी प्रत्यारोपण की सलाह मिली थी
  • कमलेश की किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी शासकीय सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में सफलतापूर्वक पूर्ण की गई है
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इंदौर:

इंदौर में एक दुर्लभ मामले में 72 वर्षीय महिला ने गंभीर बीमारी से जूझ रहे अपने बेटे को किडनी दान करके उसे दूसरी बार जीवन दिया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय निवासी कमलेश वर्मा (46) पिछले तीन साल से किडनी की गंभीर बीमारी के चलते डायलिसिस करा रहे थे, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था, नतीजतन चिकित्सकों ने उन्हें किडनी प्रत्यारोपण की सलाह दी थी.

उन्होंने बताया कि कमलेश की मां गंगा वर्मा (72) अपने बेटे को किडनी दान करने के लिए आगे आईं जिसके बाद शहर के शासकीय सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में कुछ दिन पहले कमलेश की किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी की गई.

अस्पताल के किडनी रोग विभाग के प्रमुख डॉ. रितेश बनोदे ने कहा, ' यह प्रत्यारोपण निश्चित रूप से चुनौतीपूर्ण था क्योंकि अपने बेटे को किडनी दान करने वाली महिला की उम्र 72 वर्ष है, लेकिन सर्जरी पूरी तरह सफल रही.'' उन्होंने कहा कि मां-बेटे की यह कहानी अंगदान के प्रति लोगों को प्रेरित करेगी.

सर्जरी के बाद अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद मां-बेटा इन दिनों अपने घर में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. ममता की मिसाल कायम करते हुए अपने बेटे को किडनी दान करने वाली गंगा वर्मा ने कहा,“अपने बच्चे की जान बचाना एक मां का फर्ज है. अगर मेरी किडनी से बेटे की जान बची है, तो इससे बड़ा सुख मेरे लिए और क्या होगा.”

कमलेश वर्मा लॉन्ड्री का काम करते हैं. उनके परिवार में पत्नी और 11 वर्षीय बेटा है. कमलेश ने भावुक स्वर में कहा, “मैं पिछले तीन साल से डायलिसिस के सहारे जी रहा था. अब मां ने मुझे फिर से जीवन दिया है. मां का यह ऋण मैं कभी नहीं चुका सकता.”
 

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