"इंदिरा गांधी ने हमें जेल में डाला, लेकिन कभी दुर्व्यवहार नहीं किया": लालू यादव

लालू यादव ने आपातकाल के काले दिनों को याद करते हुए भाजपा के नेतृत्‍व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि इंदिरा गांधी और उनके मंत्रियों ने हमें कभी भी राष्‍ट्र विरोधी या देशद्रोही नहीं कहा.

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नई दिल्‍ली:

राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने शनिवार को आपातकाल (Emergency) के काले दिनों को याद किया. साथ ही कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने कई नेताओं को जेल में डाला, हालांकि उनके साथ उन्होंने कभी भी दुर्व्यवहार नहीं किया. राजद प्रमुख ने उनके और पत्रकार नलिन वर्मा द्वारा लिखित एक आर्टिकल "द संघ साइलेंस इन 1975" को अपनी एक एक्स पोस्‍ट में साझा किया. आर्टिकल में उन्होंने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि हालांकि 1975 देश के लोकतंत्र पर दाग है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 2024 में विपक्ष का सम्मान कौन नहीं कर रहा है. 

उन्‍होंने एक्‍स पर पोस्‍ट किया, "मैं उस संचालन समिति का कंवीनर था, जिसे जयप्रकाश नारायण ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए आपातकाल की ज्यादतियों के खिलाफ आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए गठित किया था. 15 महीनों से अधिक वक्‍त तक मैं मेंटिनेंस ऑफ सिक्‍योरिटी एक्‍ट (Maintenance of Security Act) के तहत जेल में था. मैं और मेरे सहकर्मी आज आपातकाल के बारे में बोलने वाले भाजपा के कई मंत्रियों को नहीं जानते थे. हमने मोदी, जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री के कुछ अन्य मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के बारे में नहीं सुना था जो आज हमें स्वतंत्रता की अहमियत पर लेक्‍चर देते हैं." 

उन्‍होंने हमें कभी देशद्रोही नहीं कहा : लालू 

राजद नेता ने कहा, "इंदिरा गांधी ने हममें से कई लोगों को जेल में डाल दिया, लेकिन उन्होंने कभी भी हमारे साथ दुर्व्यवहार नहीं किया. न ही कभी उन्‍होंने और उनके मंत्रियों ने हमें "राष्ट्र-विरोधी" या "देशद्रोही" कहा. उन्होंने कभी भी उपद्रवियों को हमारे संविधान के निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर की स्मृति को अपवित्र करने में सक्षम नहीं बनाया. 1975 का संविधान हमारे लोकतंत्र पर धब्बा है, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि 2024 में विपक्ष का सम्मान कौन नहीं करता है.'' 

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25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 21 महीने का आपातकाल लगा दिया था. इस वर्ष आपातकाल की 50वीं बरसी है, जिसे भारत के राजनीतिक इतिहास में सबसे विवादास्पद अवधियों में से एक माना जाता है. 

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राष्‍ट्रपति ने की थी आपातकाल लगाए जाने की आलोचना 

इससे पहले, गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए 'आपातकाल' लगाए जाने की आलोचना की थी.

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उन्होंने कहा, "आपातकाल संविधान पर हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था. आपातकाल के दौरान देश अराजकता में डूब गया था, लेकिन देश ऐसी असंवैधानिक शक्तियों के खिलाफ विजयी रहा."

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राष्‍ट्रपति के संबोधन के बाद भड़का इंडिया गठबंधन 

राष्ट्रपति की टिप्पणी पर इंडिया गठबंधन के नेताओं ने प्रतिक्रियाएं दी हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति से झूठ से भरा भाषण दिलाकर सस्ती वाहवाही बटोरने की कोशिश में हैं. 

खरगे ने अपने आधिकारिक 'एक्स' अकाउंट पर लिखा, "मोदी जी माननीय राष्ट्रपति से झूठ बोलकर सस्ती वाहवाही बटोरने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे भारत की जनता 2024 के चुनावों में पहले ही खारिज कर चुकी है."

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