- DGCA ने इंडिगो एयरलाइन के CEO को उड़ानों में हुई भारी देरी और रद्दीकरण के कारण कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
- इंडिगो ने संशोधित उड़ान ड्यूटी समय सीमा को लागू करने में विफलता के कारण व्यापक परिचालन संकट का सामना किया है.
- एयरलाइन ने नियम 1937 के नियम 42A और संबंधित प्रावधानों का पालन नहीं किया है, जिससे परिचालन में व्यवधान आया.
भारत के विमानन नियामक डीजीसीए (DGCA) ने हाल ही में इंडिगो एयरलाइन में आए बड़े परिचालन संकट को लेकर उसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. डीजीसीए ने यह नोटिस इंडिगो की उड़ानों में हुई भारी देरी, रद्दीकरण और अन्य व्यवधानों के संबंध में दिया है, जिसके कारण देश भर में हजारों यात्री हवाई अड्डों पर फंसे रहे और एयरलाइन को एक ही दिन में लगभग एक हजार उड़ानें रद्द करनी पड़ीं.
'तो एयरलाइन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी...'
नियामक ने सीईओ को इस पूरे संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया है और उन्हें इस नोटिस का चौबीस घंटे के भीतर जवाब देने को कहा है. डीजीसीए ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि निर्धारित समय में संतोषजनक उत्तर नहीं मिला, तो एयरलाइन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उड़ानें रद्द हुईं, देरी हुई, चालक दल की कमी हुई
डीजीसीए के अनुसार, इंडिगो पायलटों के लिए संशोधित उड़ान ड्यूटी समय सीमा (FDTL) लागू करने के लिए "पर्याप्त व्यवस्था" करने में विफल रही. यह बदलाव महीनों पहले अधिसूचित किया गया था और 1 नवंबर से प्रभावी हुआ था. एयरलाइन अपने रोस्टर और संसाधनों को समय पर समायोजित नहीं कर पाई. इसी कारण इंडिगो के 138 गंतव्य नेटवर्क में बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द हुईं, देरी हुई, चालक दल की कमी हुई, और व्यवधान उत्पन्न हुआ.
1937 के नियम 42A के प्रावधानों का नहीं हुआ पालन
डीजीसीए ने नोटिस जारी कर कहा कि एयरलाइन के लिए स्वीकृत FDTL योजना को सुचारू रूप से लागू करने के लिए संशोधित आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था का न होना है. जबकि इस तरह की बड़े पैमाने पर परिचालन विफलताएं योजना, निगरानी और संसाधन प्रबंधन में महत्वपूर्ण कमियों को दर्शाती हैं और यह प्रथम दृष्टया एयरलाइन द्वारा एयरक्राफ्ट नियम, 1937 के नियम 42A के प्रावधानों और CAR सेक्शन 7, सीरीज J, पार्ट III इश्यू III (Rev. 2) के ड्यूटी अवधि, उड़ान ड्यूटी अवधि, उड़ान समय सीमाओं और निर्धारित आराम अवधि - शेड्यूल हवाई परिवहन संचालन में लगे उड़ान दल पर प्रावधानों का पालन न करना है.
डीजीसीए के अनुसार एयरलाइन अपने यात्रियों को CAR सेक्शन 3, सीरीज M, पार्ट IV, इश्यू 1 के पैरा 3 के तहत निर्धारित आवश्यक जानकारी और सुविधाएं प्रदान करने में विफल रही है, जो बोर्डिंग से इनकार, उड़ानों को रद्द करने और उड़ानों में देरी के कारण यात्रियों को प्रदान की जानी हैं.
लगातार पांचवें दिन उड़ानों में व्यवधान जारी रहने के बीच नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पीटर एल्बर्स के साथ स्थिति की समीक्षा करने और मुद्दों का समाधान करने के लिए एक 'अहम बैठक' की.
विभिन्न हवाई अड्डों पर बड़ी संख्या में उड़ानों के रद्द होने और देरी होने के कारण हजारों यात्रियों को हो रही परेशानियों को देखते हुए विमानन नियामक डीजीसीए ने स्थिति के कारणों का पता लगाने और राहत उपायों की सिफारिश करने के लिए चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है.
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