- इंडिगो एयरलाइंस की लगभग 400 उड़ानें रद्द होने से यात्रियों को 12 से 14 घंटे तक इंतजार करना पड़ा
- इंडिगो ने 2 साल की तैयारी के बावजूद नई पायलट भर्ती रोक दी और पायलटों के वेतन में वृद्धि नहीं की
- पायलट एसोसिएशन ने डीजीसीए से मांग की है कि एयरलाइंस के पायलट पर्याप्त होने पर ही शेड्यूल मंजूर किया जाए
Indigo Crisis: इंडिगो एयरलाइंस की करीब 400 फ्लाइटें रद्द होने से हवाई अड्डों पर हाहाकार की स्थिति है. फ्लाइट के लिए हजारों हवाई यात्रियों को 12 से 14 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है. विमानों के संचालन को लेकर आई समस्या पर फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट एसोसिएशन ने स्पष्टीकरण जारी किया है. एफआईपी (FIP) ने साफ किया है कि इंडिगो की हाल की उड़ान रद्द की घटनाओं के लिए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट जिम्मेदार नहीं है बल्कि असली वजह इंडिगो की लंबे समय से चली आ रही कम स्टाफ की रणनीति है, खासकर फ्लाइट ऑपरेशंस विभाग में.
संगठन का कहना है कि पूरे एफडीटीएल नियम लागू होने से पहले एयरलाइंस के पास दो साल की तैयारी का समय था, फिर भी इंडिगो ने भर्ती रोक दी, “नॉन-पोचिंग” समझौते किए, पायलटों के पैसे नहीं बढ़ाए, और कई अल्पदर्शी निर्णय लिए, जिनका अब भारी असर दिख रहा है. 1 जुलाई 2025 को FDTL के फेज–1 और 1 नवंबर 2025 को फेज–2 लागू होने के बाद, इंडिगो ने पायलट लीव को कम किया और बाद में छुट्टियां वापस खरीदने की कोशिश की. इन फैसलों का कर्मचारियों पर खराब असर हुआ.
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FIP ने इंडिगो पर उठाये सवाल
एफआईपी नें दावा किया कि सर्दियों के कोहरे वाले मौसम में जब अधिक संख्या में यात्री यात्रा करते हैं तो उस वक्त स्वाभाविक रूप से अधिक पायलटों की आवश्यकता होती है. लेकिन इंडिगो ने नए पायलट भर्ती/प्रशिक्षण किए बिना ही विंटर शेड्यूल बढ़ा दिया. इससे कंपनी की परिचालन क्षमता पर और सवाल खड़े हो रहे हैं. यह चिंता भी जताई जा रही है कि देरी और उड़ान रद्द को एक “दबाव बनाने की रणनीति” की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है, जब नियम एयरलाइन को पसंद न आएं तों फिर वही पुरानी कहानी दोहराई जा रही है: “पायलटों को दोष दो”.
पायलट एसोसिएशन की डीजीसीए से मांग
एफआईपी का कहना है कि डीजीसीए को किसी भी नए सीजन का शेड्यूल तभी मंजूर करना चाहिए जब एयरलाइंस यह साबित करें कि उनके पास नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट नियमों के मुताबिक सुरक्षित और विश्वसनीय संचालन के लिए पर्याप्त पायलट मौजूद हैं. यदि इंडिगो अपनी कर्मचारियों की कमी के कारण लगातार यात्रियों से किए वादे पूरे नहीं कर पाती, तो एफआईपी ने डीजीसीए (DGCA) से मांग किया है कि इन स्लॉट्स का पुनर्मूल्यांकन कर उन्हें एयर इंडिया, अकासा एयर और अन्य ऐसी एयरलाइनों को दिया जाए जो बिना रुकावट उड़ानें संचालित कर सकती हैं.
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इंडिगो पर क्यों उठ रहे सवाल?
दरअसल,इंडिगो एयरलाइन्स की कई विमानें स्टाफ की कमी की वजह से तीन दिनों में प्रभावित हुईं हैं. इसके कारण कई उड़ाने काफी देरी से रवाना हुईं और कुछ उड़ानें रद्द भी करनी पड़ी. विमानों के संचालन में आयी समस्या का असर ओटीपी पर पड़ा, जो बुधवार को 19.7 प्रतिशत के करीब गिर गिया. इसको लेकर इंडिगो एयरलाइन्स ने बयान जारी कर कहा कि उसे यात्रियों को हुई असुविधा का पूरा अफसोस है और वे जल्द से जल्द हालात सुधारने की कोशिश कर रहे हैं. पूरे मामले पर डीजीसीए ने भी संज्ञान लिया और एयरलाइन्स को तत्काल मुख्यालय में आकर पूरी स्थिति बताने के साथ देरीऔर रद्दीकरण कम करने की योजना प्रस्तुत करने के लिए कहा है.













