विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत ने यूक्रेन संघर्ष पर 'सही रुख' अपनाया है और कहा कि यह बहुत पेचीदा मसला है, जहां सबसे तात्कालिक मुद्दा युद्ध को बढ़ने से रोकना है. यूक्रेन युद्ध में भारत की रणनीति की तुलना महाभारत में भगवान कृष्ण की रणनीति से करते हुए मंत्री ने कहा कि कृष्ण ने युद्ध को रोकने के लिए जो भी उनके बस में था, उन्होंने वो सब कुछ किया, और यही दिल्ली का भी रुख है.यहां एक कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि ऐतिहासिक और सामरिक हित दांव पर हैं और रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न ईंधन और खाद्यान्न की कमी के मद्देनजर भारत को अपने लोगों के हितों की रक्षा करनी है.
जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत दक्षिण एशिया पर बहुत अधिक ध्यान दे रहा है और पड़ोसी देश इस क्षेत्र के एकीकरण में नेतृत्व करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं. मंत्री दिल्ली विश्वविद्यालय में 'मोदी एट20 : ड्रीम्स मीट डिलीवरी' पुस्तक पर एक चर्चा में बोल रहे थे. उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने श्रीलंका को उसके आर्थिक संकट में मदद की है।
भाजपा के दो पूर्व प्रवक्ताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी से उठे विवाद पर जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत की छवि बदलने और खाड़ी देशों के साथ जुड़ाव और संबंधों पर बहुत ध्यान दिया है और कई देशों ने भारत के तर्क को स्वीकार किया है.
उन्होंने कहा कि कई देशों ने इस टिप्पणी का मसला उठाया और कई देशों ने राजदूतों को बुलाकर यह मुद्दा उठाया. जयशंकर ने कहा कि हमने कहा है कि जो कहा गया है "वह पार्टी के विचारों को नहीं दर्शाता है” और राजदूतों ने भी यही रेखांकित किया और ‘मेरे ख्याल से उन्होंने इस स्वीकार किया है.”
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