साल 2029 तक भारत की जेम और ज्वेलरी इंडस्ट्री का आकार 128 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो कि 2024 में 83 अरब डॉलर था. यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई. इसमें कहा गया है कि जेम और ज्वेलरी इंडस्ट्री में गोल्ड 86 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ शीर्ष पर है. लैब में उगाए जाने वाले डायमंड की मांग भी तेजी से बढ़ रही है.
1 लैटिस के वरिष्ठ निदेशक (उपभोक्ता एवं खुदरा) आशीष धीर ने कहा, "भारत का जेम और ज्वेलरी इंडस्ट्री विरासत और इनोवेशन के बीच तेजी से विकसित हो रही है. डिजिटल कॉमर्स, किफायती और सस्टेनेबिलिटी के कारण लैब में उगाए जाने वाले डायमंड ज्वेलरी रिटेल मार्केट के भविष्य को नया आकार दे रहा है."
देश की जेम और ज्वेलरी इंडस्ट्री की बढ़त के प्रमुख कारणों में भारत के मध्यम वर्ग की बढ़ती डिस्पोजेबल आय, लग्जरी और निवेश-ग्रेड ज्वेलरी की मांग में वृद्धि, ब्रांडेड और सर्टिफाइड ज्वेलरी का बढ़ता चलन, संगठित रिटेल में उपभोक्ताओं का बढ़ता विश्वास, ई-कॉमर्स के चलते डिजिटल स्पेस की ओर झुकाव और वर्चुअल ट्राई-ऑन हैं.
रिपोर्ट में सेमीकंडक्टर, एयरोस्पेस और ऑप्टिक्स जैसे क्षेत्रों में लैब में उगाए जाने वाले डायमंड की इंडस्ट्रियल क्षमता के बारे में बताया गया है, हालांकि भारत में वर्तमान में घरेलू एचपीएचटी मशीन फैब्रीकेशन की कमी है, जो निवेशकों और तकनीकी खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकता है.