देश का चालू खाता घाटा दूसरी तिमाही में घटकर जीडीपी का एक प्रतिशत रहा: RBI

चालू खाते का घाटा (कैड) विदेश भेजे गये धन और देश में विदेशों से प्राप्त राशि के बीच अंतर को बताता है. यह चालू वित्त वर्ष की पहली अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी का 1.1 प्रतिशत यानी 9.2 अरब डॉलर रहा था.

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
नई दिल्ली:

देश के चालू खाते के घाटे (Current Account Deficit) में कमी आई है. यह चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कम होकर सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी (GDP) का एक प्रतिशत यानी 8.3 अरब डॉलर रहा. मुख्य रूप से वस्तुओं के व्यापार का घाटा कम होने तथा सेवा निर्यात बढ़ने से चालू खाते का घाटा (CAD) कम हुआ है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार चालू खाते का घाटा (कैड) बीते वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 3.8 प्रतिशत यानी 30.9 अरब डॉलर रहा था.

कैड विदेश भेजे गये धन और देश में विदेशों से प्राप्त राशि के बीच अंतर को बताता है. यह चालू वित्त वर्ष की पहली अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी का 1.1 प्रतिशत यानी 9.2 अरब डॉलर रहा था.भारत के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान भुगतान संतुलन की स्थिति पर जारी आंकड़ों के अनुसार, ‘‘ कैड चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में कम हुआ है. इसका कारण वस्तु व्यापार घाटे (वस्तु निर्यात-आयात का अंतर) का कम होना है. यह 2023-24 की दूसरी तिमाही में 61 अरब डॉलर रहा जो 2022-23 की दूसरी तिमाही में 78.3 अरब डॉलर था.''

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, सॉफ्टवेयर निर्यात, व्यापार और यात्री सेवाएं बढ़ने से सेवा निर्यात सालाना आधार पर 4.2 प्रतिशत बढ़ा.शुद्ध सेवा प्राप्तियां तिमाही के साथ सालाना आधार पर भी बढ़ी हैं.वस्तु व्यापार घाटा कम होने से चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कैड नरम होकर एक प्रतिशत रहा जो एक साल पहले इसी अवधि में 2.9 प्रतिशत था.

Advertisement

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान प्राथमिक आय खाता मद में शुद्ध रूप से निकासी बढ़कर 12.2 अरब डॉलर रही जो एक साल पहले इसी अवधि में 11.8 अरब डॉलर थी. यह प्राथमिक रूप से निवेश आय के भुगतान को बताता है.आंकड़ों के अनुसार, निजी अंतरण प्राप्ति दूसरी तिमाही में 28.1 अरब डॉलर रही. एक यह एक साल पहले समान अवधि के मुकाबले 2.6 प्रतिशत अधिक है. निजी अंतरण प्राप्ति विदेशों में काम कर रहे भारतीयों के अपने देश भेजी गयी राशि है.

Advertisement

वित्तीय लेखा के स्तर पर शुद्ध रूप से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत भारत में मौजूद कंपनियों ने 30 करोड़ डॉलर का निवेश किया. जबकि एक साल पहले 2022-23 की दूसरी तिमाही में इस मद में 6.2 अरब डॉलर का प्रवाह हुआ था.विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में दूसरी तिमाही में शुद्ध रूप से 4.9 अरब डॉलर का प्रवाह हुआ. यह एक साल पहले 2022-23 की दूसरी तिमाही में 6.5 अरब डॉलर के शुद्ध प्रवाह के मुकाबले कम है.बाह्य वाणिज्यिक उधारी यानी विदेशों से लिया गया कर्ज चालू वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में 1.8 अरब डॉलर का शुद्ध बर्हिप्रवाह हुआ. जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में इसमें 50 करोड़ डॉलर का बहिप्रर्वाह हुआ था.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Maha Kumbh 2025: Prayagraj महाकुंभ में 'चाबी वाले बाबा' | News Headquarter
Topics mentioned in this article