बिजली क्षेत्र की मांग बढ़ने के बावजूद अगस्त में भारत का कोयला आयात घटा

एक साल पहले समान महीने में भारत ने 1.56 करोड़ टन कोयले का आयात किया था. एमजंक्शन सर्विसेज के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में आयात 1.52 करोड़ टन रहा.  यह अगस्त, 2020 की तुलना में 2.7 प्रतिशत कम है. 

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समुद्री मार्ग से आने वाले कोयले की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से आयात घटा है. (फाइल)
नई दिल्‍ली:

देश का कोयला आयात (Coal Import) इस साल अगस्त में 2.7 प्रतिशत घटकर 1.52 करोड़ टन रह गया. देश के बिजली संयंत्रों में कोयला संकट (Coal Crisis) के बीच आयात में यह गिरावट दर्ज हुई है. एक साल पहले समान महीने में भारत ने 1.56 करोड़ टन कोयले का आयात किया था. एमजंक्शन सर्विसेज के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में आयात 1.52 करोड़ टन रहा.  यह अगस्त, 2020 की तुलना में 2.7 प्रतिशत कम है. 

एमजंक्शन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक विनय वर्मा ने कहा कि समुद्री मार्ग से आने वाले कोयले की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से आयात घटा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा घरेलू कंपनियों ने आयात स्थानापन्न के लिए जो कदम उठाए हैं उससे भी कोयले का आयात नीचे आया है. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिजली क्षेत्र की कोयले की मांग बढ़ी है. अगस्त में कुल आयात में नॉन कोकिंग कोयले का हिस्सा 90.8 लाख टन रहा. यह पिछले साल अगस्त में 1.03 करोड़ टन था. वहीं कोकिंग कोयले का आयात 31.7 लाख टन से 43.7 लाख टन पर पहुंच गया. 

देश के प्रमुख और गैर प्रमुख बंदरगाहों से अगस्त में कोयले का आयात जुलाई की तुलना में 6.71 प्रतिशत कम रहा है. जुलाई में आयात 1.69 करोड़ टन था. चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह अप्रैल-अगस्त में कोयले का आयात 9.24 करोड़ टन रहा है. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 7.62 करोड़ की तुलना में यह 21.27 प्रतिशत अधिक है. 

अप्रैल-अगस्त के दौरान नॉन कोकिंग कोयले का आयात 6.08 करोड़ टन रहा। इससे पिछले साल की समान अवधि में यह 5.12 करोड़ टन था. इसी तरह इस अवधि में कोकिंग कोयले का आयात बढ़कर 2.21 करोड़ टन पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 1.43 करोड़ टन था. 

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