India-US Relation: ट्रेड डील और रूस से तेल खरीद को लेकर अमेरिका जिस कदर भारत से बेरुखी दिखा रहा है, वो दोनों देशों के बीच रिश्ते में नई कड़वाहट का संकेत है. सरकार ने पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर कड़ा एतराज जताया है, जिसमें रूस से तेल खरीद पर और ज्यादा टैरिफ लगाने की धमकी दी है. अब भारतीय सेना ने भी अमेरिका को उसकी पुरानी पाकिस्तान परस्त नीति की याद दिलाई है.
भारतीय सेना ने 5 अगस्त 1971 को अखबार में छपी एक कटिंग साझा की है. जिसमें 1971 युद्ध से पहले पाकिस्तान को चीन और अमेरिका की मदद की बात लिखी गई है. साथ ही बताया गया है कि अमेरिका से पाकिस्तान को 1954 के बाद से करीब दो अरब डॉलर के हथियारों की आपूर्ति की गई.
इसी तारीख को छपी थी रिपोर्ट
ईस्टर्न कमांड ने ये पोस्ट इसलिए किया है, क्योंकि इसी दिन यानी 5 अगस्त को ही एक अंग्रेजी अखबार में अमेरिका और पाकिस्तान को लेकर ये रिपोर्ट छपी थी. इस रिपोर्ट में ये साफ बताया गया था कि 1954 से लेकर 1971 तक दो बिलियन डॉलर के अमेरिकी हथियार पाकिस्तान को दिए गए. इस रिपोर्ट में चीन की मदद का भी जिक्र किया गया है. जिसमें बताया गया है कि चीन की तरफ से भी युद्ध से पहले पाकिस्तान को मदद पहुंचाई गई. तत्कालीनी रक्षा राज्य मंत्री विद्याचरण शुक्ल के राज्यसभा में दिए गए बयान के आधार पर ये आर्टिकल पब्लिश हुआ थी.
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ट्रंप की टैरिफ धमकी पर भारत का जवाब
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत पर दबाव बना रहे हैं, उन्होंने एक बार फिर रूस के साथ व्यापार करने के लिए भारत पर टैरिफ बढ़ाने की बात कही. जिसका भारत ने करारा जवाब दिया. भारत ने ट्रंप की इस चेतावनी को पूरी तरह तर्कहीन बताया. विदेश मंत्रालय की तरफ से इसका जवाब देते हुए कहा गया कि 'अमेरिका रूस से अब भी अपने परमाणु उद्योग के लिए यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री के लिए पैलेडियम और केमिकल आयात करता है.'
क्या था ट्रंप का बयान?
सोशल मीडिया पर डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी एक पोस्ट में भारत को धमकी देते हुए लिखा, "भारत रूस से बड़ी मात्रा में सिर्फ तेल नहीं खरीद रहा, बल्कि खरीदे गए इस तेल का एक बड़ा हिस्सा बेचकर भारी मुनाफा भी कमा रहा है. उसे इस बात की परवाह नहीं है कि रूस की वॉर मशीन यूक्रेन में कितने लोगों को मार रही है. यही वजह है कि मैं भारत पर टैरिफ बढ़ाने जा रहा हूं."