चीन और पाकिस्तान से लगती सीमा पर भारतीय वायुसेना का बड़ा अभ्यास आज से शुरू होने जा रहा है. दिल्ली में जी-20 से पहले ये ट्रेनिंग एक्सरसाइज काफी मायने रखती है. वायुसेना के सबसे बड़े पश्चिमी वायु कमांड का यह सलाना अभ्यास 14 सितंबर तक चलेगा. राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश , जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में वायुसेना के एयरकाफ्ट अपनी तैयारियों को परखेंगे. वायुसेना के लड़ाकू विमान रफाल, सुखोई, मिग-29 , जगुवार, मिराज 2000 और तेजस सीमा पर गरजेंगे तो वायुसेना के ट्रांसपोर्ट विमान सी 130 और सी 17 के साथ-साथ अटैक हेलीकॉप्टर अपाचे और चिनूक भी अपना दमखम दिखाएंगे.
वहीं आसमान में ही ईंधन भरने वाले विमानों से लेकर निगरानी रखने वाले अवाक्स भी अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं. सैटेलाइट के जरिए भी अभ्यास की बारीकियों पर नजर रखी जाएगी तो जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की ताकत भी जांची जाएगी ताकि मौका मिलने पर वह चूके नहीं.
वायुसेना का कमांडो दस्ता गरुड़ भी पूरी ताकत से उतरेगा तो इस दौरान ऑपेरशन को कोई भेद नहीं पाए इसके लिए साइबर सिक्योरिटी पर भी खासा जोर होगा. हाल के सालों में वायुसेना के सामने चुनौतियां बढ़ी हैं, खासकर पूर्वी लद्दाख में पिछले तीन साल से जिस तरह से चीन के साथ तनाव जारी है और वहीं पाकिस्तान से लगी सीमा पर चुनौतियां मिलती रहती हैं, ऐसे में वायुसेना अब तैयारी में है कि अगर एक साथ दोनों फ्रंट से चुनौती आ जाए तो उससे कैसे बेहतर तरीके से निपटा जाए. समय के साथ दुनिया की चौथी बड़ी वायुसेना ने अपने आपको बेहतर तरीके से तैयार किया है, जिसका रसूख दुनिया की तमाम वायुसेना मानती हैं. हथियारों से लेकर ट्रेनिंग तक, हर मामले में वायुसेना महारत हासिल करने में जुटी है.