विकसित भारत बनने के लिए स्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना जरूरी... अदाणी यूनिवर्सिटी के कॉन्फ्रेंस में बोले एक्सपर्ट्स

अदाणी यूनिवर्सिटी में 'इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी (ICIDS) पर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का दूसरा एडिशन 11 और 12 दिसंबर को आयोजित किया गया. इस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों, सरकारी एजेंसियों के प्रतिनिधियों और इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने शिरकत की.

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अहमदाबाद:

भारत जैसी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए एनर्जी ट्रांजिशन और इंफ्रास्ट्रक्चर आपस में कनेक्टेड हैं. इसी विषय पर अहमदाबाद में स्थित अदाणी यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया. दो दिनों के इस कॉन्फ्रेंस में कई एक्सपर्ट ने स्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन ट्रांजिशन और फाइनेंसिंग (ICIDS) में उभरती चुनौतियों पर अपनी राय रखीं. ज्यादातर एक्सपर्ट का मानना है कि विकसित भारत बनने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना जरूरी है.

अहमदाबाद स्थित अदाणी यूनिवर्सिटी में 'इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी (ICIDS) पर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का दूसरा एडिशन 11 और 12 दिसंबर को आयोजित किया गया. इस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों, सरकारी एजेंसियों के प्रतिनिधियों और इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने शिरकत की. 

इस कॉन्फ्रेंस में आर्थिक विकास, सामाजिक समानता और पर्यावरण की चुनौतियों जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई, ताकि इंफ्रास्ट्रक्चर  के विकास में राष्ट्रीय और वैश्विक स्थिरता एजेंडे 2030 को आकार दिया जा सके. अदाणी यूनिवर्सिटी के प्रोवोस्ट प्रोफेसर रवि पी. सिंह ने इंफ्रास्ट्रक्चर और एनर्जी के क्षेत्र में पिछले कुछ सालों में भारत की अविश्वसनीय प्रगति पर जोर दिया.

प्रोफेसर रवि पी. सिंह ने बताया कि भारत में वर्तमान में लगभग 450 गीगावाट ऊर्जा क्षमता है. इसमें करीब 50% नॉन फॉसिल फ्यूल से आता है. भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट ऊर्जा उत्पादन तक पहुंचने का है. यूनिवर्सिटी एनर्जी इंजीनियरिंग और एनर्जी मैनेजमेंट में 5 साल का इंटीग्रेटेड करिकुलम भी पेश कर रहा है. इसमें भारत के एनर्जी फ्यूचर में योगदान देने के लिए दुनियाभर से छात्रों की भर्ती की जा रही है.

इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी (ICIDS) में द रॉयल ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया के प्राप्तकर्ता और अदाणी यूनिवर्सिटी के वाइस चेयरमैन प्रोफेसर अरुण शर्मा ने भारत और वैश्विक समुदाय के सामने आने वाली गंभीर चुनौतियों पर बात की. उन्होंने कहा, "भारत जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, वे देश के लिए अनोखी नहीं है. एशिया के अधिकांश हिस्सों में साझा की गई हैं. हमें कई आयामों पर विचार करने की जरूरत है. इसके लिए वैश्विक स्तर पर समाधान तलाशे जाने चाहिए."

रिसर्च सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड इनोवेशन, स्कूल ऑफ ग्लोबल स्टडीज, थम्मासैट यूनिवर्सिटी, थाईलैंड से प्रोफेसर भरत दहिया ने भारत और एशिया में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए प्रमुख चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की. उन्होंने एशिया में सांस्कृतिक एकता पर जोर दिया. 

कॉन्फ्रेंस में सभी एक्सपर्ट्स ने ऊर्जा परिवर्तन और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में भविष्य के विकास के लिए रोडमैप पेश किया. कॉन्फ्रेंस के पहले दिन 250 से ज्यादा प्रतिनिधियों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं ने हिस्सा लिया. दूसरे दिन दुनिया भर के रिसर्च स्कॉलर्स की ओर से 50 से ज्यादा रिसर्च पेपर पेश किए गए.

(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

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