अर्जेंटीना के साथ लिथियम की 5 खदानों को लेकर भारत का महत्‍वपूर्ण समझौता, केंद्रीय मंत्री ने बताया ऐतिहासिक दिन

लिथियम की खोज और खनन के लिए भारत की किसी सरकारी कंपनी की यह पहली परियोजना है. इस परियोजना के तहत KABIL करीब 15,703 हेक्टेयर क्षेत्र में 5 लिथियम ब्लॉकों को विकसित करेगा.  यह ब्‍लॉक अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत में स्थित है. 

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KABIL करीब 15,703 हेक्टेयर क्षेत्र में 5 लिथियम ब्लॉकों को विकसित करेगा. (प्रतीकात्‍मक)
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  • भारत का लिथियम की माइनिंग को लेकर अर्जेंटीना के साथ महत्‍वपूर्ण करार
  • KABIL 15,703 हेक्टेयर क्षेत्र में 5 लिथियम ब्लॉकों को विकसित करेगा
  • अर्जेंटीना में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा लिथियम का भंडार मौजूद है
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नई दिल्‍ली :

भारत ने लिथियम की माइनिंग को लेकर के अर्जेंटीना के साथ महत्‍वपूर्ण करार किया है. यह करार लिथियम की खोज और खनन को लेकर किया गया है. खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (Khanij Bidesh India Limited) ने इसे लेकर के अर्जेंटीना की सरकारी कंपनी CAMYEN SE के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए. 5 लिथियम ब्लॉकों को विकसित करने को लेकर यह समझौता अर्जेंटीना के कैटामार्का में हुआ, जिसमें वर्चुअल रूप से कोयला एवं खान मंत्री प्रल्‍हाद जोशी (Pralhad Joshi) और आला अधिकारी भी शामिल हुए. जोशी ने इसे ऐतिहासिक दिन बताया है. 

इस अवसर पर प्रल्हाद जोशी ने कहा, "यह भारत और अर्जेंटीना दोनों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि हम KABIL और CAMYEN के बीच समझौते पर हस्ताक्षर के साथ द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय लिख रहे हैं." 

लिथियम की खोज और खनन के लिए भारत की किसी सरकारी कंपनी की यह पहली परियोजना है. इस परियोजना के तहत KABIL करीब 15,703 हेक्टेयर क्षेत्र में 5 लिथियम ब्लॉकों को विकसित करेगा.  यह ब्‍लॉक अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत में स्थित है. 

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200 करोड़ रुपये की है परियोजना 

इसके साथ ही KABIL कैटामार्का में अपना एक शाखा कार्यालय स्थापित करने की भी तैयारी कर रहा है. इस परियोजना की लागत करीब 200 करोड़ रुपये है.

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तीसरा सबसे बड़ा लिथियम का भंडार 

अर्जेंटीना, चिली और बोलीविया के साथ "लिथियम ट्राइएंगल" का हिस्सा है. अर्जेंटीना में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा लिथियम भंडार है और यहां दुनिया का चौथा सबसे ज्‍यादा उत्पादन होता है. 

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EV क्षेत्र के लिए महत्‍वपूर्ण कदम 

यह रणनीतिक कदम न केवल भारत और अर्जेंटीना के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा बल्कि देश में ईवी की बढती मांग को लेकर भी काफी महत्‍वपूर्ण माना जा रहा है.

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