भारत ने मानवीय सहायता के रूप में सीरिया को लगभग 1400 किलोग्राम कैंसर रोधी दवाओं की खेप भेजी है. सीरिया के प्रति देश की प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए भारत से ये दवाएं भेजी गई हैं. विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा "अपनी मानवीय प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए, भारत ने सीरिया को कैंसर रोधी दवाएं भेजी हैं. लगभग 1400 किलोग्राम की यह खेप सीरियाई सरकार और वहां के लोगों को बीमारी से लड़ने में मदद करेगी".
भारत और सीरिया में मजबूत संबंध
सीरिया और भारत के बीच ऐतिहासिक रूप से सौहार्दपूर्ण संबंध रहे हैं, जो लोगों के बीच गहरे संबंधों पर आधारित हैं. सीरिया में भारतीय दूतावास पूरे सीरियाई संघर्ष के दौरान खुला रह. सीरिया से कई लोग पर्यटक, व्यवसायी और मरीज़ के तौर पर भारत आते हैं. इसके अलावा, विदेश मंत्रालय की आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, भारत ने प्रमुख आईटीईसी कार्यक्रम के तहत छात्रवृत्ति योजनाओं और प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के माध्यम से पिछले कुछ वर्षों में सीरियाई युवाओं की क्षमता निर्माण में काफी योगदान दिया है.
ल्यूकेमिया से ग्रस्त हैं सीरिया की फर्स्ट लेडी
इस साल मई में सीरिया की प्रथम महिला अस्मा असद को ल्यूकेमिया होने का पता चला था. सरकारी समाचार एजेंसी SANA ने राष्ट्रपति कार्यालय के हवाले से इसकी सूचना दी थी. कई मेडिकल जांच और परीक्षणों के बाद, प्रथम महिला को एक्यूट मायलोइड ल्यूकेमिया होने का पता चला. सीरियाई प्रथम महिला का जन्म और पालन-पोषण लंदन में सीरियाई माता-पिता के यहाँ हुआ. वह 2019 में स्तन कैंसर से उबर चुकी हैं.