India Pak Tensions: ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान ने गुरुवार शाम जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब के कई सीमावर्ती इलाकों को निशाना बनाया. पाकिस्तान के हवाई हमले को गुरुवार रात भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया. ड्रोन और मिसाइलों से किए गए हमले की कोशिश के कारण जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के कई इलाकों में ब्लैकआउट और सायरन बजने लगे. अधिकारियों ने लोगों से घर के अंदर रहने और सतर्क रहने का आग्रह किया, क्योंकि आपातकालीन प्रोटोकॉल सक्रिय थे.
भारत ने पाकिस्तान के 4 फाइटर विमान गिराया
जवाब में भारत ने भी पाकिस्तान के 4 फाइटर विमान, 8 मिसाइल सहित दर्जनों ड्रोन मार गिराए. भारत की ओर से की गई कार्रवाई में पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचने की खबर है. दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात है. लेकिन आधिकारिक तौर पर युद्ध की घोषणा नहीं की गई है.
ऐसे में सवाल यह उठता है कि किन्हीं दो देशों में तनाव की किस स्थिति तक पहुंचने के बाद युद्ध की घोषणा की जाती है? युद्ध की घोषणा कौन करता है? इस बारे में गुरुवार को NDTV पर डिफेंस एक्सपर्ट पीके सहगल ने जानकारी दी.
युद्ध छिड़ने पर BSF होम मिनिस्ट्री के अंदर आ जाती है
डिफेंस एक्सपर्ट पीके सहगल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर भारत की पहली सुरक्षा पंक्ति BSF की होती है. लेकिन जैसे ही युद्ध छिड़ता है तो सेना उसकी जगह ले लेती है. BSF होम मिनिस्ट्री के अंदर आती है, लेकिन युद्धकाल में वह सीधे सेना के अंडर आ जाती है. उन्होंने कहा कि लड़ाई शुरू हो चुकी है. बहुत संभव है कि वह सेना के अंडर आ गई होगी.
युद्ध कब और कौन घोषित करता है
युद्ध कब घोषित होता है... के सवाल पर उन्होंने बताया कि यह पॉलिटिकल फैसला होता है. 1948 और 1965 में युद्ध घोषित नहीं किया गया था. पहली बार 1971 में इंदिरा ने युद्ध की घोषणा की थी. इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने यह कहकर युद्ध घोषित किया था, लेकिन आंशिक तौर पर यह फैसला लिया गया था. ऐसे में युद्ध की आधिकारिक घोषणा राष्ट्रध्यक्ष करते हैं. अब देखना हो कि भारत-पाक के बीच चल रहा तनाव का यह दौर जल्द समाप्त हो जाता है या फिर युद्ध जैसी स्थिति बनती है.