सूडान में भीषण युद्ध क्षेत्रों में फंसे भारतीयों को निकालने और उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए भारत भूमि मार्गों के विकल्पों पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रहा है. सूत्रों ने NDTV को यह जानकारी दी है. राजधानी खार्तूम और सूडान के अन्य स्थानों पर 15 अप्रैल को सेना प्रमुख अब्देल फतह अल-बुरहान के वफादार बलों की उनके डिप्टी और प्रतिद्वंद्वी मोहम्मद हमदान डागलो के साथ हिंसा भड़क उठी, जो शक्तिशाली पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स की कमान संभालते हैं. दोनों पूर्व सहयोगियों ने तख्तापलट कर 2021 में सत्ता हथिया ली थी, लेकिन बाद में दोनों के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष शुरू हो गया.
खार्तूम में एयरपोर्ट काम में आने लायक नहीं है. सूत्रों का कहना है कि भयंकर लड़ाई देखी जा रही है, सुरक्षित भूमि मार्गों का पता लगाया जा सके, जिससे लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाया जा सके, जो कि प्राथमिकता है.
सूत्रों ने कहा कि भारतीय दूतावास के कर्मी अभी तक वहीं रहेंगे, जिससे ऑपरेशन में समन्वय और सहायता की जा सके.
अमेरिका ने खार्तूम में अपने दूतावास का संचालन अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है और रक्षा विभाग द्वारा चलाए गए एक अभियान में अपने सभी दूतावास कर्मियों को निकाल लिया गया है.
एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, "आपने हाल के घंटों में सोशल मीडिया में कुछ दावे देखे होंगे कि रैपिड सुरक्षा बलों ने किसी तरह हमारे साथ समन्वय किया और इस ऑपरेशन का समर्थन किया. यह मामला नहीं था. उन्होंने इस हद तक सहयोग किया कि ऑपरेशन के दौरान उन्होंने हमारे सेवा सदस्यों पर गोली नहीं चलाई. "
150 लोग सऊदी अरब पहुंचे
नागरिकों की पहली घोषित निकासी में एक दिन पहले विभिन्न देशों के 150 से अधिक लोग सऊदी अरब पहुंचे. सऊदी के अलावा इसमें भारत सहित 12 अन्य देशों के नागरिक थे. सऊदी अरब द्वारा निकाले गए तीन भारतीय सऊदी अरब एयरलाइन के चालक दल के सदस्य थे, जिस पर पिछले सप्ताह जमीनी लड़ाई शुरू होने पर गोली चलाई गई थी.
अपने नागरिकों की निकासी की कोशिश में जुटे देश
विदेशी देशों ने कहा है कि वे अपने हजारों नागरिकों की संभावित निकासी की तैयारी कर रहे हैं, दक्षिण कोरिया और जापान ने आस-पास के देशों में सेना तैनात की है और यूरोपीय संघ इसी तरह के कदम उठा रहा है.
घरों के अंदर बंद हुए लोग
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, 50 लाख की आबादी वाले शहर खार्तूम में संघर्ष से डरे नागरिकों ने अपने घरों के अंदर शरण ले रखी है. भीषण गर्मी के बीच ज्यादातर बिजली बंद रहती है और ज्यादातर लोगों के लिए इंटरनेट भी बंद हो गया है.
अब तक 420 लोगों की मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि पूरे सूडान में लड़ाई में 420 से अधिक लोग मारे गए और 3,700 से अधिक घायल हुए हैं, लेकिन वास्तविक मौतों की संख्या काफी अधिक मानी जाती है.
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