ग्लोबल साउथ के मुद्दों को उठाने के लिए भारत ने हमेशा बात की : B20 शिखर सम्मेलन में एस जयशंकर

राष्ट्रीय राजधानी में बी20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए, जयशंकर ने कहा, "आज का भारत वह है, जहां दुनिया एक साथ प्रयोग, विस्तार, तैनाती, नवाचार और सफलताओं का गवाह बन रही है.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत की 'विकास साझेदारी' पिछले दशक में काफी बढ़ी है.
नई दिल्ली:

इस बात की पुष्टि करते हुए कि जब ग्लोबल साउथ के मुद्दों को उठाने की बात आती है तो भारत ने बात की है, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रवुवार को कहा कि दुनिया आज एक साथ देश में एक्सपेरिमेंट, विस्तार, डिप्लॉयमेंट, इनोवेशन और सफलताओं को देख रही है.

यह याद करते हुए कि कैसे भारत कोविड-19 महामारी के दौरान 100 से अधिक देशों में 'मेड इन इंडिया' टीकों के एक्सपोर्ट के माध्यम से 'विश्व की फार्मेसी' के रूप में उभरा. उन्होंने कहा कि म्यांमार और तुर्की में संकट और उथल-पुथल के समय भी नई दिल्ली सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाली थी. 

राष्ट्रीय राजधानी में बी20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए, जयशंकर ने कहा, "आज का भारत वह है, जहां दुनिया एक साथ प्रयोग, विस्तार, तैनाती, नवाचार और सफलताओं का गवाह बन रही है. मैं इन विकासों पर केवल इसलिए जोर नहीं देता क्योंकि वे दुनिया की समस्याओं के एक-छठे हिस्से का अपने आप में ही समाधान करते हैं. लेकिन इसलिए क्योंकि वे बाकी ग्लोबल साउथ के लिए अनुकरणीय मॉडल प्रदान करती हैं."

यह बताते हुए कि भारत ने ग्लोबल साउथ के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए कैसे काम किया, उन्होंने कहा, "तो जब ग्लोबल साउथ की बात आती है तो भारत इस पर कैसे आगे बढ़ा है? तनाव की स्थिति आम तौर पर इंटेट और व्यवहार का एक अच्छा संकेतक प्रदान करती है. कोविड (महामारी) के दौरान, मेड-इन-इंडिया टीके लगभग 100 देशों में भेजे गए. और लगभग 150 देशों ने इस अवधि के दौरान विश्व फार्मेसी से दवाओं का आयात किया.''

मंत्री ने कहा कि भारत की 'विकास साझेदारी' पिछले दशक में काफी बढ़ी है और अब विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के 78 देशों तक फैल गई है. उन्होंने कहा कि वितरित या क्रियान्वित होने वाली 600 परियोजनाएं नई दिल्ली की सद्भावना के साथ-साथ उसकी क्षमताओं का भी प्रमाण हैं. 

उन्होंने आगे कहा कि यह मानते हुए कि केपेसिटी बिल्डिंग वैश्विक विकास का केंद्र है, हमने 60 से अधिक देशों के 200,000 नागरिकों को प्रशिक्षण प्रदान किया है.हमारा दृष्टिकोण 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रतिपादित 'कम्पाला' सिद्धांत द्वारा निर्देशित है, जिसमें संक्षेप में कहा गया है कि हमारे भागीदारों की प्राथमिकता एक निर्धारित मानदंड होगी. 
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
PM Modi Brazil Visit: 'तिलक लगाते, मंत्र बोलते'... मिलिए ब्राजील में विदेशी सनातनियों से
Topics mentioned in this article