भारत-चीन के सैनिकों ने 16वें दौर की सैन्य वार्ता में सहमति के बाद लद्दाख में गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स से हटना शुरू किया

भारत और चीन के सैनिकों ने 16वें दौर की सैन्य वार्ता में सहमति के बाद लद्दाख में गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से हटना शुरू कर दिया है.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
नई दिल्ली:

भारत और चीन के सैनिकों ने 16वें दौर की सैन्य वार्ता में सहमति के बाद लद्दाख में गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से हटना शुरू कर दिया है. दोनों पक्षों ने गुरुवार शाम एक संयुक्त बयान में कहा कि भारतीय और चीनी सैनिकों ने 16वें दौर की सैन्य वार्ता में सहमति बनने के बाद लद्दाख के गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स से पीछे हटना शुरू कर दिया है.

संयुक्त बयान में कहा गया है, "8 सितंबर 2022 को, भारत चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक के 16वें दौर में बनी आम सहमति के अनुसार, गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स (पीपी-15) के क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों ने समन्वित और योजनाबद्ध तरीके से हटना शुरू कर दिया है. जो सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और शांति के लिए अनुकूल है."

पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच जारी तनाव को घटाने को लेकर ये अच्छी खबर है . 17 जुलाई को भारतीय इलाके चिशूल में कोर कमांडर लेवल में की बातचीत में यह फैसला हुआ और अब इस सीमा डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस बातचीत में यह फैसला हुआ कि गोगरा और हॉट स्प्रिंग यानि पी पी 15 से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटेंगी. इससे सीमा पर शांति और विश्वास बनाये रखने में मदद मिलेगी.

8 सितंबर को दोनों देशों की ओर से जारी साझा बयान में कहा गया है कि इस पॉइंट से दोनों देशों की सेनाएं योजनाबद्ध तरीके से पीछे हटेंगी. इससे पहले फरवरी 2021 में पेंगोंग लेक और उसी साल अगस्त में गोगरा हॉट स्प्रिंग के पेट्रोलिंग पॉइंट 17 से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी थी.

आपको बता दें कि जून 2020 को दोनों देशों की सेनाएं के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे और चीन के करीब 40 से 45 सैनिक मारे गए थे. 
पूर्वी लद्दाख में जारी तनातनी को देखते हुए चीन ने 50 हजार से ज़्यादा सैनिक सीमा पर तैनात कर रखे हैं और भारत ने भी करीब उतने ही सैनिक तैनात कर रखे हैं, ताकि चीन की किसी भी हरकत का जवाब दे सके.

दोनों देशों की सेनाओं के कोर कमांडर स्तर में 17 जुलाई को हुई बातचीत में यह फैसला हुआ कि गोगरा और हॉट स्प्रिंग यानि पी पी 15 से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटेंगी. इससे सीमा पर शांति और विश्वास बनाये रखने में मदद मिलेगी.

Advertisement

भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 16वें दौर की वार्ता 17 जुलाई को हुई थी. भारत और चीन अप्रैल-मई 2020 से कई क्षेत्रों में चीनी सेना द्वारा किए गए उल्लंघन को लेकर गतिरोध में लगे हुए हैं. जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद स्थिति और खराब हो गई थी.

Featured Video Of The Day
Maharashtra Election 2024: Maratha Vote किसके साथ? | Manoj Jarange | NDTV Election Cafe
Topics mentioned in this article