पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के हल के लिए 3 महीने बाद साथ आए भारत और चीन, हो रही है सैन्य स्तर की वार्ता

यह वार्ता करीब तीन महीने के अंतराल पर हो रही है. सूत्रों ने बताया कि 14वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की ओर चुशुल-मोल्दो बैठक स्थल पर हो रही है.

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यह वार्ता करीब तीन महीने के अंतराल पर हो रही है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

पूर्वी लद्दाख में टकराव के शेष इलाकों में पिछले 20 महीने से जारी सैन्य गतिरोध के समाधान के लिए भारत और चीन बुधवार को कोर कमांडर स्तर की वार्ता कर रहे हैं. यह वार्ता करीब तीन महीने के अंतराल पर हो रही है. सुरक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि 14वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की ओर चुशुल-मोल्दो बैठक स्थल पर हो रही है. उन्होंने बताया कि ‘वरिष्ठ उच्च सैन्य कमांडर स्तरीय' वार्ता सुबह साढ़े नौ बजे शुरू होना था. समझा जाता है कि कि बातचीत मुख्य रूप से ‘हॉट स्प्रिंग्स' इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने पर केंद्रित होगी.

ऐसी उम्मीद है कि भारतीय पक्ष ‘देपसांग बल्ज' और डेमचोक में मुद्दों को हल करने समेत बाकी के टकराव वाले सभी स्थानों पर जल्द से जल्द सेना को हटाने पर जोर देगा.

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वार्ता में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्या सेनगुप्ता कर रहे हैं जिन्हें लेह स्थित 14वें कोर का नया कमांडर नियुक्त किया गया है. चीनी पक्ष का नेतृत्व दक्षिण जिंजियांग सैन्य जिले के चीफ मेजर जनरल यांग लिन को करना था.

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तेरहवें दौर की वार्ता 10 अक्टूबर 2021 को हुई थी. यह वार्ता गतिरोध के साथ समाप्त हुई थी. दोनों पक्ष इस वार्ता में कोई प्रगति हासिल करने में विफल रहे. भारतीय सेना ने वार्ता के बाद कहा था कि उनकी ओर से दिए गए रचनात्मक सुझाव पर चीनी पक्ष सहमत नहीं हुआ और न ही वह कोई आगे की दिशा में बढने वाला कोई प्रस्ताव पेश कर सका.

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नए दौर की यह वार्ता ऐसे समय हो रही है जब पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील इलाकों में चीन की ओर से पुल बनाने पर भारत ने निशाना साधा था और कहा था कि यह इलाका पिछले 60 वर्षो से चीन के अवैध कब्जे में है.

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पिछले सप्ताह चीन ने अरूणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों का अपनी ओर से नामकरण किया था और भारत ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया था. भारत और चीन 18 नवंबर को वर्चुअल कूटनीतिक वार्ता में 14वें दौर की सैन्य वार्ता करने पर राजी हुए थे ताकि पूर्वी लद्दाख में बाकी के टकराव वाले स्थानों पर पूरी तरह से सेना को हटाने केा लक्ष्य हासिल किया जा सके.

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भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग झील इलाके में हिंसक झड़प के बाद पांच मई 2020 को पूर्वी लद्दाख की सीमा पर गतिरोध पैदा हो गया था. इसके बाद से दोनों ओर से इस क्षेत्र में भारी संख्या में सैनिकों एवं हथियारों की तैनाती की गई. सैन्य एवं राजनयिक स्तर पर कई दौर की वार्ता के बाद दोनों पक्ष पिछले पर्ष पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारों एवं गोगरा क्षेत्र से पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा किया था.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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