भारत-चीन सीमा स्थिर, दोनों पक्षों को इसे सुधारने पर जोर देना चाहिए : जयशंकर से बोले चीनी विदेश मंत्री किन

विदेश मंत्री जयशंकर (Foreign Minister Jaishankar) ने एक ट्वीट में कहा, "बकाया मुद्दों को हल करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित है. उन्होंने कहा, "हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर स्टेट काउंसलर और चीन के विदेश मंत्री किन गांग (Chinese Foreign Minister Qin Gang) के साथ विस्तृत चर्चा हुई है."

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भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने साझा बैठक की.
नई दिल्ली:

मई चीनी विदेश मंत्री किन गांग (Foreign Minister Qin Gang) ने दोहराया कि भारत-चीन सीमा (India-China border) पर स्थिति आम तौर पर स्थिर है और दोनों पक्षों को संबंध को मजबूत करना चाहिए और स्थायी शांति के लिए शर्तों को और ठंडा करने और आसान बनाने पर जोर देते हुए प्रासंगिक समझौतों का कड़ाई से पालन करना चाहिए. गुरुवार को एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर गोवा के बेनौलिम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर (Foreign Minister S. Jaishankar) के साथ अपनी बातचीत में किन ने चीन के बार-बार दोहराए जाने वाले हालिया रुख को दोहराया कि चीन-भारत सीमा पर मौजूदा स्थिति आम तौर पर स्थिर है. पूर्वी लद्दाख में चल रहे सैन्य गतिरोध का स्पष्ट संदर्भ जिसने संबंधों को गतिरोध में ला दिया.

किन ने कहा कि दोनों पक्षों को दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को लागू करना जारी रखना चाहिए. मौजूदा उपलब्धियों को मजबूत करना चाहिए. प्रासंगिक समझौतों का कड़ाई से पालन करना चाहिए. सीमा की स्थिति को और आसान बनाने पर जोर देना चाहिए और चीन को शांति बनाए रखनी चाहिए. शुक्रवार को जारी किन-जयशंकर वार्ता पर एक प्रेस विज्ञप्ति में यह बात कही गई.

वार्ता के बाद एक ट्वीट में जयशंकर ने कहा कि बकाया मुद्दों को हल करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित है. उन्होंने कहा, "हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर स्टेट काउंसलर और चीन के विदेश मंत्री किन गांग के साथ विस्तृत चर्चा हुई है. बकाया मुद्दों को हल करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित है."

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जयशंकर ने कहा कि एससीओ, जी20 और ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हुई. किन ने कहा कि चीन और भारत, दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले विकासशील देशों के रूप में, दोनों आधुनिकीकरण के एक महत्वपूर्ण दौर में हैं.

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उन्होंने कहा कि हमें इतिहास से सबक लेना चाहिए, द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए, सम्मान करना चाहिए, एक-दूसरे से सीखना चाहिए और उपलब्धियां हासिल करनी चाहिए, और सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व, शांतिपूर्ण विकास और आम कायाकल्प के नए रास्ते पर चलना चाहिए. चीन भारत के साथ द्विपक्षीय परामर्श और आदान-प्रदान करने, बहुपक्षीय ढांचे के तहत संवाद और सहयोग बढ़ाने, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वय और सहयोग को गहरा करने के लिए तैयार है, ताकि राष्ट्रीय कायाकल्प को गति दी जा सके और विश्व शांति और विकास में स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा डाली जा सके. 

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किन गांग ने कहा कि चीन एक सफल एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी में भारत का समर्थन करता है और उम्मीद करता है कि भारत, घूर्णन अध्यक्ष के रूप में, एकता और समन्वय की भावना से शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए सकारात्मक भूमिका निभाएगा. प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने आम चिंता के अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया गया.
 

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