अबकी बार ड्रोन वॉर! भारत के तेवर से घबराया पाकिस्तान बचाव की तैयारियों में जुटा

सुरक्षा जानकार मानते हैं कि पाकिस्तान को अब फिर से भारतीय सेना के ड्रोन हमले का डर सता रहा है, इसलिए वह अपनी ड्रोन क्षमता को बढ़ाने पर फोकस कर रहा है. वहीं भारत भी एलओसी पर बड़ी संख्या में ड्रोन तैनात कर है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • पाकिस्तान ने LOC पर भारत के ड्रोन हमलों के जवाब में ड्रोन डिटेक्शन और जैमिंग की 35 यूनिट तैनात की है.
  • भारतीय सेना ऑपरेशन सिंदूर में ड्रोन और कामिकाजी ड्रोन से पाकिस्तान के अंदर गंभीर क्षति पहुंचा चुकी है.
  • पाकिस्तान ने चीन और तुर्किए से बड़ी संख्या में एंटी ड्रोन और जैमिंग सिस्टम खरीदने की प्रक्रिया तेज कर दी है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्‍ली:

ऑपरेशन सिंदूर का असर लाइन ऑफ कंट्रोल पर दोनों ओर दिख रहा है. पाकिस्तान जहां एलओसी के पास बड़ी तादाद में एंटी ड्रोन और एंटी जैमिंग सिस्टम लगा रहा है, वहीं भारत भी एलओसी पर बड़ी संख्या में ड्रोन तैनात कर है. एनडीटीवी को सेना के खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, लाइन ऑफ कंट्रोल के पास पाकिस्तान ने ड्रोन डिटेक्शन और जैमिंग की 35 यूनिट तैनात की है. यह ड्रोन पहचानने वाले और ड्रोन को जाम करने वाले सिस्टम है. इसे खासतौर पर पाकिस्तान ने भारत के एलओसी पर ड्रोन की तैनाती देखते हुए निपटने की तैयारी के लिए किया है. पाकिस्तान की ड्रोन डिटेक्शन और जैमिंग यूनिट एलओसी के उस पार 8 ब्रिगेड के तहत आती हैं. पाकिस्तान की ओर से यह तैनाती रावलकोट, कोटली, भिंबर, केल, बाग, डोमेल और बदर इलाकों में देखी गई है.

सुरक्षा जानकारों का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की ड्रोन और कामिकाजी ड्रोन यानी लोइटरिंग म्यूनिशन ने जिस तरह से पाकिस्तानी के भीतर तबाही मचाई थी, उससे पाकिस्तान अब अलर्ट मोड पर है. वह भारतीय ड्रोन की निगरानी, टार्गेटिंग और सटीक हमले से काफी बैचेन है. यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि दुर्गम पहाड़ी इलाकों में स्वार्म ड्रोन और लोइटरिंग म्यूनिशन से निपटने में पाकिस्तान सक्षम नहीं है.

पाकिस्‍तान को सता रहा भारत से ड्रोन हमले का डर

सुरक्षा जानकार मानते हैं कि पाकिस्तान को अब फिर से भारतीय सेना के ड्रोन हमले का डर सता रहा है, इसलिए वह अपनी ड्रोन क्षमता को बढ़ाने पर फोकस कर रहा है. अब सेना की हर बटालियन में ड्रोन प्लाटून बनाई जा रही है. इतना ही नहीं भारतीय सेना भी मौजूदा जरूरतों के मुताबिक, अलग-अलग तरह के ड्रोन को शामिल कर रही है, जिससे पाकिस्तान को फिर से आसानी से पटखनी दी जा सके.

यही कारण है कि अब पाकिस्तान ने एंटी ड्रोन और एंटी जैमिंग खरीदने की प्रकिया को काफी तेज कर दिया है. खासकर चीन और तुर्किए से वह बड़ी तादाद में ऐसे सिस्टम खरीदने में लगा है जो उसे भारत के ड्रोन हमले से बचा सके.

LOC पर हालात खतरनाक बन रहे: कर्नल दानवीर सिंह 

सुरक्षा विशेषज्ञ कर्नल दानवीर सिंह कहते है कि पाकिस्तान चाहे चीन या फिर तुर्किए से कैसा भी ड्रोन खरीद ले, इससे भारतीय सेना पर बहुत ज्यादा असर नही पड़ेगा. यह एक स्वाभाविक प्रकिया है कि ड्रोन पीड़ित देश अपनी सुरक्षा को और मजबूत करने में जुटा है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने देखा कि किसी चीन और तुर्किए को ड्रोन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम के आगे पानी भरते नजर आए थे. हमारी तकनीक और क्षमताओं के आगे पाकिस्तान के हथियार कहीं नही टिके.

उन्‍होंने कहा कि यह सही है कि अब एलओसी पर हालात खतरनाक बन रहे हैं, लेकिन हमारे लिए बहुत परेशान होने की जरूरत नहीं है. हालांकि पाकिस्तान अपने लोगों का ध्यान बंटाने के लिए एलओसी पर कुछ ना कुछ जरूर करेगा और इससे निपटने के लिए सेना पूरी तरह तैयार है.

Advertisement

खाली जेब लेकिन हथियार खरीदने में जुटा पाकिस्‍तान 

जानकार यह भी कहते हैं कि पाकिस्तान यह सब कदम अपनी हिफाजत के लिए उठा रहा है क्योंकि ऑपरशन सिंदूर के दौरान उसे जबरदस्‍त शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है. फिलहाल वह अपने क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्‍मत में जुटा है. भले ही उसे खाने के लाले पड़ रहे हैं, लेकिन वह भारी तादाद में चीन और तुर्किए से हथियारों की खरीदनें में जुटा है. यह भी सच है कि इन दोनों देशों के अलावा कोई और देश पाकिस्‍तान को क्रिटिकल कंपोनेंट देने से बच रहा है.

Featured Video Of The Day
KGMU धर्मांतरण मामला : CM Yogi ने पीड़िता से बात की, लेंगे सख्त एक्शन | BREAKING NEWS