100 Crore Vaccine Doses : कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी से बचाव के लिए "दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान" शुरू करने के नौ महीने बाद भारत आज 1 अरब यानी 100 करोड़ खुराक का आंकड़ा पूरा कर लिया है. केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री मनसुख मंडाविया ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन का आंकड़ा पूरा होने के बाद ट्वीट किया कि बधाई हो भारत. दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थ नेतृत्व का य प्रतिफल है. बता दें कि केंद्र सरकार इसे एक "महान उपलब्धि" के तौर पर लेते हुए उत्सव की तैयारी में है. वैक्सीन खुराकों की संख्या 100 करोड़ पूरा होने पर देश में सबसे बड़े खादी तिरंगे को लाल किले में फहराया जाएगा. इस तिरंगे की लंबाई 225 फुट और चौड़ाई 150 फुट है और इसका वजन लगभग 1,400 किलोग्राम है. अधिकारी ने बताया कि यही तिरंगा 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर लेह में फहराया गया था.
CoWIN पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, देश में बुधवार तक दी गई कुल वैक्सीन खुराक 99.7 करोड़ को पार कर गई थी, जिसमें सभी वयस्कों में से लगभग 75 प्रतिशत ने पहली खुराक ली है और लगभग 31 प्रतिशत ने दोनों खुराक प्राप्त कर ली है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ आरएस शर्मा ने बुधवार को एनडीटीवी को बताया, "हम प्रति सेकंड 700 टीकाकरण कर रहे हैं. यह पता लगाना थोड़ा मुश्किल होगा कि '100 करोड़वां' लाभार्थी कौन होगा?"
बता दें कि कोरोनावायरस की अज्ञात और अप्रत्याशित महामारी के दौर में बड़े पैमाने पर टीके का उत्पादन और वितरण की चुनौतियों को देखते हुए - सरकार की ओर से एक अरब वैक्सीन खुराक देना बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. अब तक सिर्फ चीन ही एक ऐसा देश है, जहां 100 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है. वहां जून में 1 बिलियन खुराक का आंकड़ा पार कर गया था. चीन एक अरब से अधिक की आबादी वाला देश भी है. पिछले महीने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के 71वें जन्मदिन पर देशभर में एक दिन में 2.5 करोड़ से अधिक खुराक दी गई था; यह चौथी बार था जब एक दिन में एक करोड़ से अधिक खुराक दी गई थी. हालांकि, मध्य प्रदेश से कुछ चौंकाने वाली विसंगतियों के सामने आने के बाद, दिए गए शॉट्स की वास्तविक संख्या पर चिंता व्यक्त की गई थी, जिसमें मृत लोगों को भी टीके लगाने के आंकड़े उनमें शामिल थे. इस बीच, सरकार ने कहा है कि "योग्य लाभार्थियों की एक बड़ी संख्या" ने टीके की अपनी दूसरी खुराक नहीं ली है. हालांकि, सरकार ने ऐसी संख्या साझा करने से इनकार कर दिया है. तेलंगाना में, अनुमानित 25 लाख ऐसे लाभार्थी हैं जिन्होंने पहली खुराक जून/जुलाई में ली थी, लेकिन समय-सीमा में दूसरी खुराक लेने से चूक गए हैं.