महाराष्ट्र में JBS बढ़ा रहा है टेंशन! अबतक 167 आए चपेट में, जानें क्या है लक्षण और ये कितना है ये खतरनाक

जीबीएस एक दुर्लभ विकार है, जिसमें व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता परिधीय तंत्रिका पर हमला करती है, जिससे शरीर के हिस्से अचानक सुन्न पड़ जाते हैं. मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है और कुछ निगलने या सांस लेने में भी दिक्कत होती है.​​​​​​​

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
मुंबई:

महाराष्ट्र में गिलियन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मामलों में वृद्धि हुई है. संदिग्ध मामलों की संख्या बढ़कर 192 हो गई है. इनमें से 167 मरीजों में जीबीएस की पुष्टि हुई है. अब तक 7 लोगों की मौत हुई है. 1 मौत की पुष्टि जीबीएस से हुई है, जबकि 6 मौतें संदिग्ध हैं.

पुणे एमसी से 39, पीएमसी क्षेत्र में नए जोड़े गए गांवों से 91, पिंपरी चिंचवड़ एमसी से 29, पुणे ग्रामीण से 25 और अन्य जिलों से 8 मरीज हैं. 91 मरीजों को छुट्टी दे दी गई है, 48 आईसीयू में हैं और 21 वेंटिलेटर पर हैं.

राज्य सरकार को केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार मरीजों को मुफ्त इलाज देने को कहा गया है. अस्पतालों में जीबीएस के मरीजों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है. इसके अलावा, राज्य की महात्मा फुले जन आरोग्य योजना के तहत भी यह इलाज कवर किया जा रहा है.

जीबीएस (GBS) के लक्षण:

  • पैरों में कमजोरी

  • पैरों में दर्द
  • खड़े होने में दिक्कत
  • चलने में दिक्कत

जीबीएस से बचाव के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:

  • साफ-सफाई का ध्यान रखें. हाथों को बार-बार धोएं और स्वच्छ भोजन का सेवन करें
  • किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचने की कोशिश करें. अगर कोई संक्रमण हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उसका इलाज कराएं.
  • खान-पान: स्वस्थ और संतुलित भोजन करें
  • अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखें. इसके लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और तनाव से दूर रहें

जीबीएस के गंभीर मामलों में मरीज पूरी तरह लकवाग्रस्त तक हो सकता है. अधिकतर वयस्कों और पुरुषों में इस विकार के होने के आसार ज्यादा हैं, हालांकि सभी उम्र के लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं.

जीबीएस एक दुर्लभ विकार है, जिसमें व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता परिधीय तंत्रिका पर हमला करती है, जिससे शरीर के हिस्से अचानक सुन्न पड़ जाते हैं. मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है और कुछ निगलने या सांस लेने में भी दिक्कत होती है.

राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सलाह दी कि सामान्य सावधानियां बरतकर जीबीएस को कुछ हद तक रोका जा सकता है, जैसे कि उबला हुआ/बोतलबंद पानी पीना, खाने से पहले फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोना, चिकन और मांस को ठीक से पकाना, कच्चे या अधपके भोजन, विशेष रूप से सलाद, अंडे, कबाब या समुद्री भोजन से परहेज करना.

Advertisement

अगर किसी व्यक्ति को पैरों में कमजोरी या दर्द महसूस हो और यह कमजोरी हर दिन बढ़ रही हो, तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.

Featured Video Of The Day
I Love Muhammad Poster पर घमासान जारी, आज नमाज के बाद कई जगह हो सकते हैं प्रदर्शन | Breaking News
Topics mentioned in this article