PF खाते में ढाई लाख से अधिक जमा राशि के ब्‍याज पर भी अब टैक्‍स लेगी सरकार, 1 अप्रैल से ये चीजें भी हुईं महंगी..

इनकम टेक्स विभाग के मुताबिक यह नई व्यवस्था 1 अप्रैल 2022 से लागू की जा रहा है यानी 1 अप्रैल, 2022 से आप अगर ढाई लाख से ज्यादा पीएफ में जमा करेंगे तो उस अतिरिक्त रकम पर आपको मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना होगा.

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प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्‍ली:

बढ़ती महंगाई के इस दौर में शुक्रवार से प्रोविडेंट फंड (PF) खाते में एक वित्‍त वर्ष में ढाई लाख रुपये से ज्यादा जमा की गई राशि के ब्याज पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव लागू हो गया. यूक्रेन युद्ध की वजह से अंतराष्ट्रीय तेल बाजार में कच्चे तेल और गैस की कीमतों में उथल-पुथल की वजह से भारत में कमर्शियल एलपीजी सिलिंडर, एविएशन टरबाइन फ्यूल और करीब 800 ज़रूरी दवाइयां भी महंगी हो गई हैं. प्रोविडेंट फंड में अगर आप ढाई लाख से ज्यादा रकम जमा करेंगे तो उस पर मिलने वाले ब्याज पर आपको नए वित्तीय साल से टैक्स लगेगा.

 इनकम टेक्स विभाग के मुताबिक यह नई व्यवस्था 1 अप्रैल 2022 से लागू की जा रहा है यानी 1 अप्रैल, 2022 से आप अगर ढाई लाख से ज्यादा पीएफ में जमा करेंगे तो उस अतिरिक्त रकम पर आपको मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना होगा.आपकी सालाना आय जिस Tax Slab में आती है उसी अनुपात में आपके पीएफ फंड पर ब्याज से होने वाले कमाई पर टैक्स का रेट लगेगा. 1 अप्रैल 2022 से मौजूदा PF Account दो भागों में बांट दिया जाएगा. दरअसल, 2.5 लाख की सीमा प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए है जबकि सरकारी कर्मचारियों के लिए यह सीमा सीमा पांच लाख रुपये तक होगी. सरकार का तर्क है कि पैसे वाले लोग टैक्स बचाने के लिए काफी पैसा प्रोवि़डेंट फंड में जमा करने लगे हैं, और उस पर टैक्स लगाना जरूरी है. इस मुद्दे पर  इंस्‍टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया के पूर्व अध्‍यक्ष वेद जैन ने NDTV से कहा"PF फंड सोशल सिक्योरिटी का एक जरिया है. सरकार की नज़र ज्यादा कमाई वाले कर्मचारियों पर है लेकिन PF के पैसे पर टैक्स, ये एक मुश्किल सवाल है." पिछले ही महीने EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टीज ने PF पर इंटरेस्ट रेट 8.5% से घटाकर 8.1% कर दिया था. ऐसे समय पर जब अर्थव्यवस्था पटरी  रही है और PF खाताधारकों को उम्मीद थी कि PF पर इंटरेस्ट रेट बढ़ाया जाएगा.

उधर  महंगाई बढ़ती जा रही है. शुक्रवार को कमर्शियल सिलिंडर 250 रुपये/सिलिंडर महंगा हो गया, करीब 800 दवाएं भी 1 अप्रैल से महंगी हो गई हैं. विपक्षी दलों ने  राज्यसभा में कीमतों में बढ़ोतरी के फैसले को वापस लेने की मांग की. शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने राज्‍यसभा में कहा, "पेट्रोल महंगा, डीजल महंगा, खाना बनाना महंगा, खाना खाना महंगा, अब दवाई भी महंगी. महंगाई के दर्द की दवाई भी अब जरूरी है. मैं सरकार से लोगों को राहत देने की मांग करती हूं. "ज़ाहिर है, बढ़ती महंगाई के मसले पर सरकार सवालों से घिरती जा रही है.

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