नेपाल से आयातित करीब पांच टन टमाटर अभी रास्ते (पारगमन) में है और उत्तर प्रदेश में इसकी बिक्री बृहस्पतिवार को 50 रुपये प्रति किलोग्राम के रियायती भाव पर की जाएगी. भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित (एनसीसीएफ) ने बुधवार को यह जानकारी दी.
एनसीसीएफ ने नेपाल से 10 टन टमाटर के आयात का अनुबंध किया है. एनसीसीएफ आयात के साथ-साथ केंद्र सरकार की ओर से टमाटर की घरेलू खरीद भी कर रही है और उपभोक्ताओं को इसकी बिक्री रियायती दर पर कर रही है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के निर्देश के बाद एनसीसीएफ खुदरा स्तर पर ‘हस्तक्षेप' कर रही है.
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एनसीसीएफ की प्रबंध निदेशक एनीस जोसेफ चंद्रा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमने नेपाल से 10 टन टमाटर आयात का अनुबंध किया है. इसमें से 3-4 टन मंगलवार को उत्तर प्रदेश में वितरित किया गया. लगभग पांच टन टमाटर पारगमन में है और इसकी बिक्री बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश में की जाएगी.''
उन्होंने कहा कि टमाटर जल्दी खराब हो जाता है. इस वजह से देश के अन्य हिस्सों में इसकी बिक्री नहीं की जा सकती है. उत्तर प्रदेश में आयातित और स्थानीय रूप से खरीदे गए टमाटर दोनों को खुदरा दुकानों के साथ-साथ चुनिंदा स्थानों पर मोबाइल वैन के माध्यम से बेचा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान में देश के प्रमुख उत्पादक राज्यों से खरीदा गया टमाटर 50 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बेचा जा रहा है.
नेपाल से टमाटर के आगे आयात के बारे में पूछे जाने पर जोसेफ चंद्रा ने कहा, ‘‘नेपाल से आयात क्रमबद्ध तरीके से किया जाएगा क्योंकि कुछ राज्यों की मंडियों में घरेलू आवक शुरू हो गई है.''
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उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में टमाटर की नई फसल की आवक थोक मंडियों में शुरू हो गई है और कीमतें भी कम हो रही हैं.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, टमाटर की अखिल भारतीय औसत थोक कीमत 15 अगस्त को घटकर 88.22 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई, जबकि एक महीने पहले यह 97.56 रुपये प्रति किलोग्राम थी.
आंकड़ों से पता चलता है कि इसी तरह, टमाटर की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत एक महीने पहले के 118.7 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर अब 107.87 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई है.