देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना की वजह से जेलों में बंद कैदी भी संक्रमित हो रहे हैं. इस बीच, महामारी के कारण कैदियों को रिहा करने पर सुप्रीम कोर्ट ने विस्तृत आदेश जारी किया. कोर्ट ने कहा कि जेल के कैदियों के बीच COVID -19 का तेजी से प्रसार गंभीर चिंता का विषय है. राज्य सरकार महामारी के दौरान जेल में बंद कैदियों को पैरोल पर रिहा करे. प्रत्येक राज्य में गठित कमेटी यह निर्धारित करे कि किस अपराध के मानदंड पर कैदियों को छोड़ा जा सकता है.
शीर्ष न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि जो कैदी मार्च, 2021 में SC के आदेशों के आधार पर रिहा किए गए थे, उन्हें अब 90 दिनों के पैरोल पर तुरंत रिहा किया जाए. राज्यों को दिल्ली मॉडल की तरह वेबसाइट पर समिति की जेल से रिहा करने की सिफारिश सार्वजनिक की जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कैदियों और जेल कर्मचारियों के लिए नियमित COVID टेस्ट व्यवस्था हो और COVID उपचार उनके लिए उपलब्ध होना चाहिए. जेलों में सफाई रखी जानी चाहिए. देशभर की जेलों में लगभग 4 लाख कैदी हैं.
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, एक फैसले का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत ने अधिकारियों से कहा कि उन मामलों में यांत्रिक रूप से गिरफ्तारी से बचें जिनमें अधिकतम सजा सात वर्ष की अवधि की है. पीठ ने उच्चाधिकार प्राप्त समितियों को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशानिर्देशों को अपनाते हुए नए कैदियों की रिहाई पर विचार करें.