कहर बरपाती हीटवेव के बीच राहतभरी खबर! मानसून को लेकर IMD की भविष्याणी; जानें कब होगी बारिश

चक्रवाती तूफान रेमल फिलहाल कमजोर जरूर पड़ गया है लेकिन मौसम विभाग ने उत्तर पूर्वी भारत के पांच राज्यों में मंगलवार को भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है.

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नई दिल्ली:

इस साल मानसून तय समय पर केरल तट से टकराएगा और दक्षिण पश्चिम मानसून सीजन के दौरान उत्तर पूर्वी भारत को छोड़कर देशभर में औसत से अधिक बारिश होगी.  भारतीय मौसम विभाग के डायरेक्टर जनरल डॉ. एम महापात्र ने सोमवार को दक्षिण पश्चिम मानसून सीजन पर जारी ताजा पूर्वानुमान में यह अहम बातें कही. डॉ एम महापात्र ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, "मानसून सीजन के दौरान औसत से अधिक बारिश का पूर्वानुमान हमने जारी किया है. मानसून सीजन के दौरान Long Period Average का 106% बारिश का पूर्वानुमान है...मानसून कोर जोन में. जहां मानसून की वजह से ही कृषि होता है.. वहां के लिए खुशखबरी है...वहां बारिश नॉर्मल से ज्यादा रहेगा यानी औसत से ज्यादा बारिश होगी".

बंगाल की खाड़ी में आते रहते हैं मई महीने में साइक्लोन: डॉ. एम महापात्र
चक्रवाती तूफान रेमल फिलहाल कमजोर जरूर पड़ गया है लेकिन मौसम विभाग ने उत्तर पूर्वी भारत के पांच राज्यों में मंगलवार को भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है. डॉ महापात्रा ने एनडीटीवी से कहा, "हमने उत्तर पूर्वी भारत (Northeast India) के 5 राज्यों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. वहां कल तेज बारिश का पूर्वानुमान है. मई महीने में बंगाल की खाड़ी में इस तरह के साइक्लोन आते हैं इसमें कुछ अप्रत्याशित नहीं था."

एनडीटीवी द्वारा पूछे जाने पर की क्या अरब सागर में क्लाइमेट चेंज की वजह से ज्यादा तीव्रता वाले साइक्लोन की फ्रीक्वेंसी बढ़ी है, भारतीय मौसम विभाग के डायरेक्टर जनरल ने कहा, "Arabian Sea में 150 किलोमीटर प्रति घंटे या उससे ज्यादा की तीव्रता वाले Cyclones की Frequency पिछले 30 साल में बढ़ी है... इस बढ़ोतरी को वैज्ञानिकों ने क्लाइमेट चेंज के साथ जोड़ा है लेकिन पूरे दावे के साथ ऐसा नहीं कहा जा सकता है.  

फिलहाल राहत की बात यह है कि उत्तर पश्चिम भारत में हीट वेव की स्थिति 29 मई तक बनी रहेगी लेकिन उसके बाद राहत की उम्मीद है. महापात्रा ने कहा कि, "30 May से हीट वेव घटना शुरू होगा क्योंकि 30 तारीख से एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस उत्तर पश्चिमी भारत के इलाकों को प्रभावित करेगा... इसकी वजह से वहां बारिश होगी और उत्तर पश्चिमी भारत में कुछ राहत मिल सकती है". अब सबको दक्षिण पश्चिम मानसून के केरल तट से टकराने का इंतजार है. 

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