अवैध खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 17 नवंबर को रांची ऑफिस में पूछताछ के लिए तलब किया है. सोरेन ने ED से तीन हफ्ते का समय मांगा था. इससे पहले हेमंत सोरेन को 3 नवंबर को ईडी के सामने पेश होना था, लेकिन वह नहीं गए थे.
माइनिंग लीज और मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से हेमंत सोरेन को बड़ी राहत मिली थी. उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रद्द कर दिया था. सोरेन और राज्य सरकार की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया था. इसके बाद सीएम ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए लिखा था, 'सत्यमेव जयते!'
झारखंड के सीएम ने कहा था कि उन्हें समन मत भेजिए, सीधे गिरफ्तार करके दिखाइये. सोरेन ने कहा था कि बीजेपी को लगता है कि जेल में डालकर डरा देंगे. हम इस साजिश का माकूल जवाब देंगे. जनता हमारे साथ है तो कोई भी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं. उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा था कि आज CBI और ED का इस्तेमाल हथियार के तौर पर किया जा रहा है. वे हमारी सरकार का बाल भी बांका नहीं कर सकते और पांच साल पूरा करेंगे.
आपको बता दें झारखंड में भाजपा मुख्य विपक्षी दल है. 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट' मामले में झारखंड सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता को लेकर चुनाव आयोग की चिट्ठी पर राजभवन की चुप्पी भी हेमंत सोरेन को परेशान कर रही है. कई बार हेमंत सोरेन इस पर बोल चुके हैं. हेमंत सोरेन ने तो यहां तक कहा, 'अगर मैं मुजरिम हूं तो मुझे सजा सुना दिया जाए, मुझे कोई चिंता नहीं है.'