गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah ) ने मंगलवार को हिन्दी दिवस (Hindi Diwas) पर अपनी बात रखी. उन्होंने हिन्दी का देश में व्यापक स्तर पर इस्तेमाल करने की वकालत की और इसे हमारी सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय एकता की मूलभूत बुनियाद बताया. शाह ने कहा कि देश में असंख्य भाषाएं हैं और सबकी एक अलग समृद्धता औऱ साहित्यिक परंपरा रही है औऱ यह सरकार के आत्मनिर्भर भारत की बड़ी योजना का हिस्सा है.
शाह ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब भाषा के मामले में भी आत्मनिर्भर होना है. यह हमारी मातृभाषा और आधिकारिक भाषा के बीच समन्वय में निहित है. शाह ने कहा, हिन्दी दिवस पर मैं सभी लोगों के सक्रियता से हिन्दी के इस्तेमाल का संकल्प लेने की अपील करता हूं, जो हमारी एक राजकीय भाषा है.
गृह मंत्री ने कहा, भाषा मनोभाव व्यक्त करने का सबसे सशक्त माध्यम है. हिंदी हमारी सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय एकता का मूल आधार होने के साथ-साथ प्राचीन सभ्यता और आधुनिक प्रगति के बीच एक सेतु भी है. मोदी जी के नेतृत्व में हम हिंदी व सभी भारतीय भाषाओं के समांतर विकास के लिए निरंतर कटिबद्ध है.
शाह ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी बोल सकते हैं तो हम किस बात को लेकर शर्मिंदा हो जाते हैं. अब वो दिन चले गए जब हिन्दी बोलने को लेकर चिंता का विषय होता था. गृह मंत्री ने कहा कि सरकार हिन्दी और देश की अन्य भाषाओं के समानांतर विकास को लेकर प्रतिबद्ध है.
शाह के अलावा पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हिन्दी के ज्यादा इस्तेमाल की वकालत करते हुए ट्वीट किए. हिन्दी दिवस पूरे देश में 14 सितंबर को मनाया जाता है. हालांकि कई सारे राज्य इस मुद्दे पर यह कहकर विरोध जताते रहे हैं कि यह हिन्दी भाषा को थोपने का प्रयास है.